इस्लामाबाद, पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मलेन में हिस्सा लेने पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को उसके ही घर में लताड़ लगा दी। सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने सबसे पहले पाकिस्तान को इस साल SCO की अध्यक्षता के लिए बधाई दी और कहा कि भारत ने सफल SCO अध्यक्षता के लिए पूरा समर्थन दिया है। इसके बाद जयशंकर ने SCO Summit में पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि अगर दो देशों के बीच सीमा पार गतिविधियाँ उग्रवाद, आतंकवाद और अलगाववाद जैसी नकारात्मक तत्वों से भरी हों, तो यह व्यापार, कनेक्टिविटी और आपसी संबंधों को कभी भी बढ़ावा नहीं दे सकतीं।
उन्होंनेजोर देकर कहा कि शांति और स्थिरता विकास और प्रगति के लिए बुनियादी शर्तें हैं, और इन शर्तों के बिना किसी भी देश की प्रगति संभव नहीं है। भाषण में जयशंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ बिना नाम लिए गंभीर आलोचना की और यह स्पष्ट संदेश दिया कि अगर SCO सदस्य देश आपसी सम्मान और आतंकवाद से लड़ने के प्रति ईमानदारी से काम नहीं करेंगे, तो संगठन के उद्देश्यों को हासिल करना मुश्किल होगा।
शांति और स्थिरता की आवश्यकता
जयशंकर ने कहा कि विकास और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है। यदि सीमा पार से आने वाली गतिविधियाँ उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद से जुड़ी हों, तो यह व्यापार, ऊर्जा के प्रवाह, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संवाद को बढ़ावा देने की बजाय बाधा बनेगी।
SCO का मुख्य उद्देश्य
जयशंकर ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटना है। वर्तमान समय में इन समस्याओं से निपटना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने SCO चार्टर की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस चार्टर का पालन करते हुए इन तीन 'बुराइयों' के खिलाफ सख्त और अडिग रहना जरूरी है।
पाकिस्तान पर सीधा हमला
पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा कि अगर किसी देश की गतिविधियाँ इन 'तीन बुराइयों' से भरी होती हैं, तो यह व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा नहीं दे सकती। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वातावरण में द्विपक्षीय व्यापार और अन्य रिश्ते फल-फूल नहीं सकते।
वैश्विक समस्याओं का समाधान
जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय "कठिन दौर" से गुजर रही है, जहाँ दो बड़े संघर्षों के वैश्विक प्रभाव हैं और विकासशील देश COVID-19 के प्रभाव, बढ़ते कर्ज, और अन्य चुनौतियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका समाधान आपसी विश्वास, मित्रता, अच्छे पड़ोसी संबंधों और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में है। इसके लिए उन्होंने SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग और साझेदारी पर बल दिया।
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