पीएम नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) क्षेत्र में वैश्विक गवर्नेंस को पारदर्शी और भरोसेबंद बनाने और विकासशील व विकसित देशों को भी प्रौद्योगिकी की इस नई क्रांति में शामिल करने का आह्वान किया है। उन्होंने एआई को वैश्विक समाज के भलाई और इस बारे में विश्व स्तर पर बेहतर सामंजस्य का आह्लान किया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ की सह-अध्यक्षता
यह आह्वान पीएम मोदी ने पेरिस में तीसरे एआई एक्शन समिट में किया। पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। एआई सेक्टर में चीन की हालिया उपलब्धि के मद्देनजर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि इससे पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों के बीच एआइ के उद्भव से उपजी चुनौतियों का सामना करने को लेकर कोई साझा रोडमैप निकलेगा। लेकिन पहले दिन की बैठक से स्पष्ट है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच ही एआई नियमन को लेकर काफी विभेद है। अमेरिका ने एआई पर बहुत ज्यादा नियमन का विरोध किया है।
एआई के प्रभाव पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने अपने भाषण में एआई के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा- एआई अब हमारी राजनीति, हमारे समाज, हमारी इकोनमी और हमारी सुरक्षा को प्रभावित करने लगा है। इस सदी में मानवता के कोड को एआइ ही लिख रहा है। लेकिन यह मानव इतिहास के पहले की प्रौद्योगिक उपलब्धियों से अलग है। यह बहुत ही अप्रत्याशित स्तर पर विस्तारित हो रहा है और इसको अपनाने की गति तो इससे भी तेज है। इसमें एक दूसरे देशों पर निर्भरता भी काफी है। ऐसे में इस बात की जरुरत है कि हम एक वैश्विक गवर्नेंस और इसके मानकों को स्थापित करें जो हमारे साझा मूल्यों पर आधारित हो और उत्पन्न चुनौतियों को दूर करे व भरोसा स्थापित करे।
भारत की उपलब्धियों को गिनाया
ग्लोबल साउथ देशों (विकासशील व गरीब) देशों को भी एआई की पूरी पहुंच बनाने की जोरदार वकालत की और इस संदर्भ में भारत की उपलब्धियों को भी गिनाया। मोदी ने बताया कि भारत के पास एआई का सबसे बड़ा प्रशिक्षित पुल है। भारत अपना लार्ज लैंग्वेज मॉड्यूल तैयार कर रहा है, जो यहां की विविधता के मुताबिक होगा।
टेक्नोलॉजी से बदल जाती है काम की प्रकृति: पीएम मोदी
भारत मानवता की भलाई के लिए सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने को तैयार है। एआई के आने से नौकरियों के जाने के खतरे को भी पीएम मोदी ने खारिज करते हुए कहा कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि प्रौद्योगिकी के उभार से रोजगार खत्म हो गये हों, उनकी प्रकृति बदल जाती है।
'मानवता को नया आकार देगा एआई युग'
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि अभी एआई युग की शुरुआत है जो आने वाले समय में मानवता को आकार देगी। कुछ लोग इस बात से सहमे हुए हैं कि यह बुद्धिमता में इंसानों से बेहतर होगी लेकिन हमारे साझा भविष्य की कुंजी किसी और के पास नहीं है, यह हमारे पास ही है।
समिट के बाद 60 देशों ने संयुक्त बयान किया जारी
- सम्मेलन के बाद 60 देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है। सम्मेलन में अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वैंस ने यह साफ कर दिया कि अमेरिका यूरोपीय देशों की तरफ से एआई पर सख्ती से नियमन का समर्थन नहीं करता। उन्होंने यूरोपीय देशों की कोशिशों की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की।
- संयुक्त बयान में एआइ का इस्तेमाल दुनिया में डिजिटल विभेद (किसी के पास ज्यादा, किसी के पास कम) को खत्म करने और एआइ को सभी के लिए समावेशी, पारदर्शी, सुरक्षित, नैतिक व विश्वसनीय बनाने का आह्वान किया गया है।
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