संसद के शीतकालीन सत्र में चुनाव सुधारों पर बड़ी बहस हुई। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तृत जवाब दिया। उनके भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले तौर पर सराहना की और विपक्ष को घेरने के उनके तर्कों को “तथ्यपूर्ण और मजबूत” बताया।
संसद के शीतकालीन सत्र में चुनाव सुधारों पर बड़ी बहस हुई। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तृत जवाब दिया। उनके भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले तौर पर सराहना की और विपक्ष को घेरने के उनके तर्कों को “तथ्यपूर्ण और मजबूत” बताया।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- “गृह मंत्री अमित शाह जी का शानदार भाषण। उन्होंने ठोस तथ्यों के साथ हमारी चुनावी प्रक्रिया के अलग-अलग पहलुओं और हमारे लोकतंत्र की ताकत पर प्रकाश डाला और विपक्ष के झूठ का भी पर्दाफाश किया।”
अमित शाह के भाषण में मुख्य रूप से एसआईआर —(मतदाता सूची में सुधार), चुनाव आयोग की भूमिका, कांग्रेस के आरोप, और चुनावी पारदर्शिता जैसे मुद्दे शामिल थे।
अमित शाह का जवाब: चुनाव आयोग पर झूठ फैलाया गया
लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस और विपक्ष पर एसआईआर को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि चुनाव आयोग सरकार के अधीन नहीं है। वह एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है। कांग्रेस एसआईआर को लेकर झूठ और गलतफहमी फैला रही है। चुनाव आयोग द्वारा समय–समय पर मतदाता सूची की सफाई और जांच (SIR) नई बात नहीं है और यह संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
SIR पर क्या कहा अमित शाह ने?
उन्होंने बताया अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को शक्तियां देता है। अनुच्छेद 326 में मतदाता बनने की पात्रता तय है। अनुच्छेद 327 के तहत एसआईआर करने का अधिकार चुनाव आयोग को मिला है—इसका जिक्र विपक्ष भी नजरअंदाज कर रहा है।
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