सरकार ने इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट्स पर असर डालने वाले वीकली रेस्ट नियम को वापस लिया। CEO ने यात्रियों से माफी मांगी और हालात सामान्य होने की तारीख बताई।
बीते चार दिनों में देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की करीब 2,000 फ्लाइट्स रद्द होने के कारण हजारों यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब सरकार ने उस फैसले को वापस लेने का निर्णय लिया है, जिसकी वजह से यह परेशानी पैदा हुई थी। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस, विशेषकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत प्रदान की है।
याद दिला दें कि DGCA ने 1 नवंबर से पायलट और क्रू मेंबर्स के काम करने के नियमों में बदलाव किया था। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पायलट व क्रू को पर्याप्त आराम देना था। इसके तहत पायलट और क्रू मेंबर्स को सात दिन लगातार काम करने के बाद दो दिन अनिवार्य अवकाश देना अनिवार्य किया गया था।
इस बदलाव का असर यह हुआ कि पायलट और क्रू मेंबर्स की संख्या अचानक कम हो गई, जिससे देश के कई एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट की टाइमिंग में बदलाव आया। कई उड़ानें रद्द हुईं या देर से चलीं।
हाईलेवल जांच के आदेश
सरकार ने इस घटना की हाईलेवल जांच कराने के आदेश दिए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि यह जांच इस संकट के कारणों को समझने और जिम्मेदारियों को तय करने के लिए की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले तीन दिनों में इंडिगो की उड़ानें पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी।
इंडिगो के सीईओ ने मांगी माफी
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने फ्लाइट रद्द होने के कारण यात्रियों से माफी मांगी। उन्होंने बताया कि पूरा सिस्टम फिलहाल रीबूट हो रहा है और हालात सामान्य होने में समय लगेगा। उनका कहना है कि 10 से 15 दिसंबर तक उड़ानें सामान्य हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में यात्रियों को काफी परेशानी हुई, और आज 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गई हैं।
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