


अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का रुख भारत के लिए लगातार कड़ा दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर बयान देकर भारत सेतनाव बढ़ाया और अब टैरिफ के चलते चीजें खराब हो रही हैं। ट्रंप के भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ से दोनों देशों के संबंध निचले स्तर पर हैं। ट्रंप इसे अमेरिका के हित मे उठाए कदम कह रहे हैं लेकिन वह घर में ही अपनी नीति पर घिर रहे हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का मानना है कि भारत के साथ संबंधों पर ट्रंप प्रशासन का रुख बेहद खराब है।
जॉन बोल्टन ने भारत के साथ संबंधों के लिए ट्रंप प्रशासन के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी नीति पूरी तरह भ्रमित है। एक साक्षात्कार में जॉन बोल्टन ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध इस समय बहुत खराब स्थिति में हैं। यह भारत को चीन और रूस की तरफ धकेल सकता है, जो भविष्य में अमेरिका का संकट बढ़ाएगा।
चीन पर नरमी क्यों
जॉन बोल्टन ने रूस से तेल खरीद के लिए भारतीय आयातों पर लगाए गए टैरिफ पर बात करते हुए कहा कि चीन रूसी तेल का ज्यादा बड़ा खरीदार है। इसके बावजूद चीन पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि अमेरिका ने भारत से उम्मीद छोड़ दी है। जॉन ने भारत के खिलाफ उठाए गए कदमों को 'ट्रंप के बेतुके राष्ट्रपति कार्यकाल' का हिस्सा बताया है।