


फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को फोन पर बातचीत में यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा पर चर्चा के साथ-साथ भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों और रणनीतिकभागेदारी को मजबूत करने तथा पर सहमति जताई। मैक्रों ने प्रधानमंत्री की कॉल किया और हाल ही में वाशिंगटन में यूरोप, अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं के बीच हुई बैठकों के बारे में प्रधानमंत्री के साथ अपने विचार साझा किए। दोनों नेताओं ने गाजा की स्थिति पर भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मोदी ने संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय सहयोग एजेंडे में प्रगति की भी समीक्षा की। दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने और वर्ष 2026 को ‘नवाचार वर्ष' के रूप में मनाने की संयुक्त प्रतिबद्धता की पुष्टि की। राष्ट्रपति मैक्रों ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने के लिए भी समर्थन व्यक्त किया।
मोदी के साथ इस बातचीत के बारे में फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ हमने यूक्रेन में युद्ध पर अपनी स्थिति का समन्वय किया ताकि यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा की मज़बूत गारंटी के साथ हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की ओर बढ़ सकें।''
मैक्रों ने व्यापार के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच सहयोग को दोनों देशों संप्रभुता और स्वतंत्र निर्णय बताते हुए कहा, ‘व्यापार के मुद्दों पर, हम सभी क्षेत्रों में अपने आर्थिक आदान-प्रदान और अपनी रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने पर सहमत हुए - यही हमारी संप्रभुता और स्वतंत्रता की कुंजी है।'' फ्रांस के राष्ट्रपति का यह बयान भारत पर व्यापार समझौते के लिए शर्त थोपने की अमेरिकी राष्ट्रपति की नीति के मद्देनजर महत्वपूर्ण है।