जीव हत्या करने वालों को नरक में मिलती है ये भयानक सजा
गरुड़ पुराण में 36 तरह के नरक के बारे में बताया गया है. व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को अलग-अलग नरक से होकर गुजरना पड़ता है.
Img Banner
profile
Sanjay Purohit
Created AT: 19 दिसंबर 2025
98
0
...

गरुड़ पुराण एक महापुराण है. ये पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में शामिल है. गरुड़ पुराण जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पक्षी राज गरुड़ के संवाद पर आधारित है. गरुड़ पुराण में विस्तार से जीवन, मृत्यु, आत्मा की यात्रा, पाप, पुण्य, स्वर्ग और नरक के बारे में बताया गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को नरक में यातनाएं भोगनी पड़ती हैं.

वहीं जिसने जीवन भर अच्छा आचरण दिखाया हो और पाप कर्म न किए हों, उस व्यक्ति की आत्मा मृत्यु के बाद स्वर्ग जाती है. गरुड़ पुराण में 36 तरह के नरक के बारे में बताया गया है. व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को अलग-अलग नरक से होकर गुजरना पड़ता है. आज हम जानते हैं कि जो लोग जीव हत्या करते हैं, उनकी आत्मा को किस नरक में भेजा जाता है और क्या सजा दी जाती है?

कुंभीपाक नरक में दी जाती है सजा

कुंभीपाक नरक, इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा को बर्तन में खौलते हुए तेल में डालकर तला जाता है, जिससे आत्मा को असहनीय पीड़ा होती है. कुंभीपाक नरक में उस व्यक्ति की आत्मा को भेजा जाता है, जिसने अपने जीवन काल में अपने स्वार्थ के लिए किसी जीव की हत्या की होती है.

बड़े-बुजुर्गों के अपमान की दी जाती है ये सजा

कालासुत्रम नरक में ऐसे लोगों की आत्मा को सजा दी जाती है, जो अपने जीवन काल में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते और अपमान करते रहते हैं. इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा को आग में झोंक दिया जाता है. यही नहीं इस नरक में पापी व्यक्ति की आत्मा के साथ बार-बार ये प्रक्रिया दोहराई जाती है.

ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम
...

Spiritual

See all →
Sanjay Purohit
कल्पवास क्या है, साल 2026 में कब से हो रहा है शुरू?
माघ माह में कल्पवास करने की परंपरा का विशेष महत्व माना जाता है. दृक पंचांग के अनुसार, साल 2026 में माघ का महीना 04 जनवरी से शुरू हो रहा है.
24 views • 5 hours ago
Sanjay Purohit
तिरुपति बालाजी मंदिर कितना अमीर?
जब बात श्रद्धा, अटूट विश्वास और वैभव की आती है, तो जुबां पर सबसे पहला नाम तिरुपति बालाजी का आता है. आंध्र प्रदेश की सप्तगिरि पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर का यह मंदिर न केवल करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि यह दुनिया के सबसे धनी धार्मिक स्थलों में से भी एक माना जाता है.
44 views • 6 hours ago
Sanjay Purohit
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा में हुआ बड़ा बदलाव, अब इस समय होंगे दर्शन
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में बदलाव किया गया है। पहले यह पदयात्रा रोजाना सुबह 2 बजे निकलती थी, लेकिन अब शनिवार से यात्रा के समय में बदलाव किया गया है और अब यह यात्रा शाम 5 बजे निकलेगी। इस बदलाव के बाद पदयात्रा में भक्तों की संख्या और बढ़ गई है।
70 views • 8 hours ago
Sanjay Purohit
जीव हत्या करने वालों को नरक में मिलती है ये भयानक सजा
गरुड़ पुराण में 36 तरह के नरक के बारे में बताया गया है. व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसकी आत्मा को अलग-अलग नरक से होकर गुजरना पड़ता है.
98 views • 2025-12-19
Sanjay Purohit
सीमियन लाइन का रहस्य, हाथ की यह रेखा दिलाती है सफलता और किस्मत
पामिस्ट्री में हथेली की कुछ रेखाएं सामान्य मानी जाती हैं, जबकि कुछ रेखाएं व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखती हैं। इन्हीं खास रेखाओं में से एक है सीमियन लाइन। यह रेखा बहुत ही कम लोगों की हथेली में पाई जाती है और मान्यता है कि जिनके हाथ में यह रेखा होती है, वे जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल करते हैं।
120 views • 2025-12-17
Sanjay Purohit
माघ मेला 2026: 75 वर्षों बाद बन रहा दुर्लभ शुभ संयोग
माघ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसका आयोजन हर वर्ष धर्म नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर होता है। हिंदू शास्त्रों और पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह मेला स्नान, दान, तप और साधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है।
213 views • 2025-12-16
Sanjay Purohit
संत नरेश भैया के सामने फफक -फफक कर रोने लगे प्रेमानंद महाराज
वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज अपने सरल जीवन, गहन भक्ति और प्रेरक प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं। उनके आश्रम में रोज़ देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। आम भक्तों के साथ-साथ कई प्रसिद्ध हस्तिया और संत-महात्मा भी उनसे मार्गदर्शन लेने आते रहते हैं।
213 views • 2025-12-16
Sanjay Purohit
शास्त्रों में इन पौधों को दिया गया है बड़ा महत्व, इनकी पूजा से दूर होती है दुख और दरिद्रता
ज्योतिष में माना जाता है कि कुछ पवित्र वृक्षों की उपासना लाभकारी होती है। हिंदू परंपरा में पेड़-पौधों को बड़ा महत्व दिया जाता है। यह हमारे स्वास्थ के साथ-साथ हमारे भाग्यवृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
145 views • 2025-12-15
Sanjay Purohit
पौष अमावस्या 2025: इस दिन है मिनी पितृ पक्ष की अमावस्या
पौष अमावस्या पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. इस दिन किए गए पुण्य कर्म न सिर्फ पूर्वजों को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि आने वाले समय में जीवन को सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं.
77 views • 2025-12-14
Sanjay Purohit
16 दिसंबर से लग रहा खरमास, भूलकर भी न करें ये काम
खरमास की शुरुआत इस बार 16 दिसंबर 2025, मंगलवार से हो रही है. इसके बाद 15 जनवरी को जब भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा. ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय कुछ कार्यों को करने में सावधानी अवश्य बरतनी चाहिए.
162 views • 2025-12-11
...