दुनिया के सबसे अमीर धार्मिक स्थलों की बात हो और तिरुपति बालाजी मंदिर का नाम न आए, ऐसा संभव नहीं. आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर का यह दिव्य धाम न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी अपार संपत्ति, दान-राशि और सोने के भंडार के लिए भी विश्वभर में प्रसिद्ध है. करोड़ों श्रद्धालु हर साल यहाँ मन्नतें मांगने और उन्हें पूरा होने पर दान देने आते हैं. यहां की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर का मुख्य शिखर, जिसे आनंद निलयम कहा जाता है, पूरी तरह सोने की परतों से मढ़ा हुआ है.
कितना अमीर है तिरुपति बालाजी मंदिर?
आंकड़ों के अनुसार, तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पास, हजारों किलो सोना, लाखों करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति, देश-विदेश में फैली अचल संपत्तियां मौजूद हैं. इसी वजह से इसे दुनिया का सबसे अमीर हिंदू मंदिर भी कहा जाता है.
कहा स्थित है तिरुपति बालाजी मंदिर?
तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुमाला पहाड़ियों पर बना हुआ है. समुद्र तल से लगभग 853 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है.
द्रविड़ शैली की अद्भुत वास्तुकला
मंदिर का निर्माण कोविल और द्रविड़ वास्तु शैली में किया गया है. ऊंचे गोपुरम, नक्काशीदार स्तंभ और विशाल प्रांगण इसकी भव्यता को दर्शाते हैं. मंदिर का शिखर, जिसे आनंद निलयम कहा जाता है, इसकी सबसे बड़ी विशेषता है.
सोने से चमकता आनंद निलयम
तिरुपति मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसका विमान (शिखर) है.इसे ‘आनंद निलयम’ के नाम से जाना जाता है. इस पर सोने की इतनी मोटी परत चढ़ाई गई है कि इसकी चमक कई किलोमीटर दूर से देखी जा सकती है.भक्तों द्वारा दान किए गए टनों सोने का उपयोग इस शिखर और मंदिर के गर्भगृह को सजाने में किया गया है.
हर साल टनों में सोना दान
तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल टन के हिसाब से सोना और चांदी दान किया जाता है. भक्त अपने बाल, आभूषण, नकद धनराशि और बहुमूल्य वस्तुएं भगवान को अर्पित करते हैं. मंदिर की हुंडी में प्रतिदिन करोड़ों रुपये की दान-राशि जमा होती है.