


ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अपनी ताकत को और बढ़ाने में लग गया है। पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन की चाल को नाकाम करने के लिए भारत अब स्वदेशी रक्षा उपकरणों को बनाने पर विशेष तौर पर जोर दे रहा है। इसी क्रम में इस बीच भारत की K-6 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल खूब चर्चा में है। इस मिसाइल की स्पीड और फीचर्स जान आप हैरान रह जाएंगे। इसका डेवलपमेंट डीआरडीओ के द्वारा किया जा रहा है। इस बैलिस्टिक मिसाइल के जरिए पूरे एशिया, यूरोप, और अफ्रीका के कुछ हिस्सों को निशाना बनाया जा सकता है।
स्पीड के मामले टक्कर देती है K-6 मिसाइल
K-6 हाइपरसोनिक मिसाइल की सबसे प्रमुख ताकत इसकी गति है। यह मैक 7.5 (लगभग 9200 किमी/घंटा), ध्वनि की गति से साढ़े सात गुना तेज भागती है, जिससे पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग करके इसे रोकना लगभग असंभव है।
मारक क्षमता 8000 किलोमीटर तक होने की उम्मीद
इस मिसाइल की मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर तक होने की उम्मीद है। मारक क्षमता का मतलब है, इतनी मैक्सिमम ऊंचाई पर जाकर किसी रक्षा उपकरण को नष्ट करने या मारने की क्षमता।
K-6 मिसाइल का टारगेट क्या है?
K-6 हाइपरसोनिक मिसाइल का प्रमुख उद्देश्य भारत की समुद्री परमाणु शक्ति और रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है।
एक मिसाइल से कई टारगेट भेदने में सक्षम
k-6 बैलिस्टिक मिसाइल की मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेड री-एंट्री व्हीकल (MIRV) बेहद खास है। यह एक मिसाइल से कई लक्ष्यों पर हमला कर सकता है।
समुद्री परीक्षण के बाद चीन पर कसा जाएगा नकेल
कई रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय नौसेना K-6 मिसाइल का समुद्री परीक्षण करने की तैयारी कर रही है। इस परीक्षण के बाद चीन की दादागिरी पर नकेल कसने की शुरुआत हो जाएगी। यदि यह सफल रहा तो भविष्य में विमान वाहक पोतों से भी परीक्षण किए जाएंगे।