


भारत ने संयुक्त राष्ट्र के एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन में कहा कि वैश्विक प्रयासों को अब ‘‘उद्देश्यपूर्ण संवाद और कूटनीति'' के माध्यम से इजराइल-फिलास्तीन संघर्ष का द्वि-राष्ट्र समाधान हासिल करने पर केंद्रित होना चाहिए। भारत ने यह भी कहा कि किसी को केवल कागजी समाधानों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि व्यावहारिक समाधानों को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पवर्तनेनी हरीश ने कहा कि ‘फलस्तीन के प्रश्न का शांतिपूर्ण समाधान और द्वि-राष्ट्र समाधान का कार्यान्वयन' विषय पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी के दौरान हुए विचार-विमर्श से यह पुष्टि होती है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि द्वि-राष्ट्र समाधान के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
हरीश ने कहा, ‘‘हमारे प्रयास अब इस बात पर केंद्रित होने चाहिए कि उद्देश्यपूर्ण संवाद और कूटनीति के माध्यम से द्वि-राष्ट्र समाधान को कैसे हासिल किया जाए और संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों को एक-दूसरे के साथ प्रत्यक्ष संवाद में कैसे शामिल किया जाए।'' उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘‘समर्थन की पुनः पुष्टि ऐसे ठोस कदमों के रूप में होनी चाहिए जो द्वि-राष्ट्र समाधान का मार्ग प्रशस्त करें। इन कदमों की पहचान और उनके कार्यान्वयन की प्रक्रिया सामूहिक प्रयासों से हासिल की जा सकती है।'' यह उच्च स्तरीय सम्मेलन 28 से 30 जुलाई तक सऊदी अरब और फ्रांस की सह-अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है।