देव दीपावली पर जलाएं एक दीप पितरों के नाम, मिलेगी पितृ ऋण से मुक्ति
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली देव दीपावली का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व देवताओं के पृथ्वी पर आगमन और उनकी प्रसन्नता का प्रतीक है।
Img Banner
profile
Richa Gupta
Created AT: 05 नवंबर 2025
99
0
...

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली देव दीपावली का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व देवताओं के पृथ्वी पर आगमन और उनकी प्रसन्नता का प्रतीक है। इस दिन गंगा स्नान, दान और दीपदान का विधान है, जिससे न सिर्फ देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, बल्कि पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। माना जाता है कि यह पावन तिथि आपको पितृ ऋण से मुक्ति दिलाने और घर में अखंड सुख-समृद्धि का वास सुनिश्चित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इस देव दीपावली पर, अपने पितरों के नाम एक दीप जलाकर आप उनके आशीर्वाद के पात्र बन सकते हैं।


पितृ शांति के लिए विशेष पूजा


देव दिवाली के पवित्र अवसर पर किया जाने वाला पितृ दीपदान अत्यंत श्रद्धा और आस्था से जुड़ा कर्म है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में गंगा या किसी पवित्र नदी के तट पर पितरों के नाम से दीप प्रवाहित करने से उनकी आत्मा को शांति और तृप्ति प्राप्त होती है। यह दीप उनके लिए प्रकाश का माध्यम बनता है, जिससे वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किया गया दीपदान व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्त करता है और उसके जीवन में सुख, समृद्धि तथा संतुलन लाता है। यह परंपरा हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा, स्मरण और कृतज्ञता की दिव्य अभिव्यक्ति मानी जाती है।


देव दिवाली के दिन पितृ पूजन की विधि


  1. सुबह गंगा स्नान कर स्वयं को पवित्र किया जाता है।
  2. इसके बाद भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी गंगा की श्रद्धापूर्वक पूजा की जाती है।
  3. शाम में घर, मंदिर या नदी तट पर घी या तिल के तेल के दीपक जलाए जाते हैं।
  4. दीपकों को पंक्तियों में सजाया जाता है, जिससे चारों ओर दिव्य आभा फैलती है।
  5. कुछ दीपक देवताओं के नाम से जलाए जाते हैं और कुछ पितरों के नाम से प्रवाहित किए जाते हैं।
  6. दीप प्रवाह के समय पितरों की शांति, तृप्ति और आशीर्वाद की कामना की जाती है।
  7. आखिर में पितरों से क्षमा और कृपा की प्रार्थना कर दीपोत्सव का समापन किया जाता है।




ये भी पढ़ें
सीएम की घोषणा,कटंगी और पौड़ी बनेगी तहसील,लाड़ली बहना योजना सम्मेलन में शामिल हुए सीएम
...

Spiritual

See all →
Sanjay Purohit
कालभैरव जयंती 2025: इन भोगों से प्रसन्न होते हैं कालभैरव, मिलती है कर्ज से मुक्ति और जीवन में आती है सफलता
हिंदू धर्म में कालभैरव जयंती सिर्फ पूजा-पाठ का दिन नहीं, बल्कि यह दिन न्याय, साहस और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष कालभैरव जयंती 12 नवंबर 2025, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।
5 views • 40 minutes ago
Sanjay Purohit
प्रकाश और करुणा का संगम: कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती 2025
कार्तिक पूर्णिमा — जब आकाश में पूर्ण चन्द्र अपनी सम्पूर्ण ज्योति बिखेरता है — भारतीय आध्यात्मिक चेतना का एक विलक्षण पर्व है। यह दिन केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि प्रकाश, करुणा और आत्मशुद्धि का प्रतीक बनकर हमारे भीतर के अंधकार को मिटाने का संदेश देता है। इस वर्ष 2025 में यह पावन पूर्णिमा अत्यंत विशेष है, क्योंकि इसी तिथि पर सिख धर्म के प्रथम गुरु — गुरु नानक देव जी — का जन्मोत्सव, गुरुपरब, भी मनाया जा रहा है।
123 views • 2025-11-05
Richa Gupta
देव दीपावली पर जलाएं एक दीप पितरों के नाम, मिलेगी पितृ ऋण से मुक्ति
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली देव दीपावली का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व देवताओं के पृथ्वी पर आगमन और उनकी प्रसन्नता का प्रतीक है।
99 views • 2025-11-05
Sanjay Purohit
प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें, मिलेगा महादेव का आर्शीवाद!
प्रदोष व्रत पर शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसे में इस दिन अवश्य ही शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
47 views • 2025-11-02
Sanjay Purohit
आंवला अक्षय नवमी 2025: धर्म, प्रकृति और अक्षय जीवन की अनुभूति का पर्व
कार्तिक मास की शुक्ल नवमी तिथि, जो इस वर्ष 30 अक्टूबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है, आंवला अक्षय नवमी के रूप में मनाई जाएगी। यह दिन भारतीय संस्कृति में धर्म, प्रकृति और सनातन चेतना के अद्भुत संगम का प्रतीक है। इस पर्व का मूल भाव यह है कि आस्था केवल मंदिरों में सीमित न रहकर वृक्षों की जड़ों, वायु की पवित्रता और जीवन की शुद्धता में भी प्रवाहित हो। कार्तिक मास के इस शुभ काल में आंवला वृक्ष की पूजा का विशेष विधान है, क्योंकि शास्त्रों में इसे भगवान विष्णु का निवास स्थान माना गया है।
91 views • 2025-10-30
Richa Gupta
Dev Uthani Ekadashi 2025: तुलसी पूजन से पाएं मां लक्ष्मी की कृपा, करें ये आसान उपाय
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन श्रीहरि और धन की देवी मान लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
195 views • 2025-10-28
Sanjay Purohit
नवंबर में कब है देव दीपावली?, जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त
देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसके बाद देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इस साल 5 नवंबर 2025 को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा।
206 views • 2025-10-28
Richa Gupta
छठ पूजा 2025: आज है खरना, जानें पूजा विधि और जरूरी सावधानियां
छठ पूजा 2025 में आज खरना है। भक्त सूर्य देव की पूजा करते हैं। जानें खरना की विधि, शुभ मुहूर्त और वे गलतियां जो नहीं करनी चाहिए।
268 views • 2025-10-26
Richa Gupta
छठ पूजा 2025: जानें क्या करें और क्या नहीं, व्रत के जरूरी नियम
छठ महापर्व के दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। आज 25 अक्टूबर से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है जिसका समापन 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ होगा।
1635 views • 2025-10-25
Richa Gupta
छठ पर्व क्यों मनाया जाता है? जानिए सूर्य देव और छठी मैया का पवित्र संबंध
छठ का पर्व भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।
202 views • 2025-10-23
...