


छत्तीसगढ़ में मानसून के आगमन के साथ ही सांप के काटने के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, हर साल पूरे देश में करीब 40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार होते हैं, जिनमें से 50 हजार से अधिक की मौत हो जाती है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें विशेष रूप से झाड़-फूंक और देसी इलाज से परहेज करने की सलाह दी गई है और किसी भी सर्पदंश की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाकर इलाज कराने की अपील की गई है।
सांप के काटने पर ना करें झाड़-फूंक
भारत में चार प्रमुख जहरीले सांपों को जानलेवा माना जाता है – कोबरा, करैत, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर।
कोबरा और करैत का न्यूरोटॉक्सिक ज़हर सीधे शरीर की स्नायु प्रणाली पर असर डालता है और सांस की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।
रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर का हेमोटॉक्सिक ज़हर शरीर के अंदर खून को जमाने लगता है जिससे आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। ऐसे में समय पर सही इलाज जरूरी होता है।
सांप कहां छुपते हैं और कैसे करें बचाव
मानसून में सांप अक्सर घरों के आसपास की झाड़ियों, खुले नालों, कचरे के ढेर, दरारों, खेतों, निर्माणाधीन इमारतों और अंधेरी जगहों में छिप जाते हैं।
बचाव के लिए जरूरी है कि:
घर को साफ रखें
दरवाजों पर डोर स्वीप लगाएं
खिड़कियों पर मच्छरजाली लगाएं
गमलों को स्टैंड पर रखें
खेत या झाड़ियों में जाने से पहले टॉर्च का इस्तेमाल करें और हमेशा जूते पहनें।
सांप काटे तो क्या करें और क्या नहीं
पीड़ित को शांत रखें, घबराने न दें
उसे लेटा दें और काटे गए अंग को स्थिर रखें
उस हिस्से को हृदय के स्तर से नीचे रखें
किसी प्रकार का टाइट पट्टा, चीरा या ज़हर चूसने की कोशिश न करें
बिना देरी किए 4 घंटे के भीतर नजदीकी अस्पताल जाकर एंटीवेनम लगवाएं
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सर्पदंश की किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं और तुरंत चिकित्सकीय मदद लें, क्योंकि समय पर इलाज ही जीवन बचा सकता है।