


मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) की 2026 से होने वाली 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं अब पहले जैसी आसान नहीं रहेंगी। सीबीएसई की तर्ज पर माशिम अब अपने प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत प्रश्नों की कठिनाई का स्तर बढ़ाया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी करनी होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत सभी राज्यों में शिक्षा और परीक्षा के स्तर को एकरूप करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में NCERT की परख संस्था द्वारा कराए गए सर्वे में यह सामने आया कि मध्यप्रदेश बोर्ड की परीक्षा अन्य राज्यों की तुलना में आसान है। इसका नुकसान विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में उठाना पड़ता है, खासकर जब वे अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में प्रवेश लेना चाहते हैं।
रटने से नहीं, सोचकर हल करने होंगे प्रश्न
अब माशिम ने फैसला लिया है कि परीक्षाओं में ऐसे प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिन्हें सिर्फ रटकर हल नहीं किया जा सकता। अब कठिन प्रश्नों की संख्या 15% से बढ़ाकर 20% कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि 100 में से 20 प्रश्न ऐसे होंगे, जिनका उत्तर सिर्फ समझ, विश्लेषण, अनुप्रयोग और रचनात्मक सोच से ही निकाला जा सकेगा।
परिभाषाओं के बजाय अनुप्रयोग पूछे जाएंगे
जहां पहले परीक्षाओं में “दूरी” जैसी परिभाषाएं पूछी जाती थीं, अब उनसे जुड़े वास्तविक जीवन में उपयोगी सवाल पूछे जाएंगे। जैसे – “अगर कोई व्यक्ति 1 किमी पैदल चलने में 10 मिनट लेता है, तो 1 घंटे में कितनी दूरी तय करेगा?” ऐसे प्रश्नों से विद्यार्थियों की सोच और समझ का परीक्षण किया जाएगा।
प्रश्नपत्र बनाने वाले शिक्षकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
नए पैटर्न के अनुसार प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए शिक्षकों के समूह बनाए जा रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। अभी विज्ञान विषय के शिक्षकों का प्रशिक्षण जारी है। बताया गया कि प्रश्नपत्र निर्माण और छपाई की प्रक्रिया दिसंबर 2025 तक पूरी कर ली जाएगी, क्योंकि बोर्ड परीक्षा 7 फरवरी 2026 से शुरू होगी।
प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव ऐसे होगा
अब तक का पैटर्न
15% कठिन प्रश्न
45% सामान्य प्रश्न
40% सरल प्रश्न
नया पैटर्न (2026 से)
20% कठिन प्रश्न
40% सामान्य प्रश्न
40% सरल प्रश्न