


उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिछले 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई जगह भूस्खलन की समस्या देखने को मिल रही है। इस वजह से मंडल की 54 सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई हैं। जिला प्रशासन सड़कों को खोलने और इन पर दोबारा परिचालन शुरू करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं
रुक-रुक कर पिछले कई घंटों से हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। भूस्खलन और नदियों से मलबा आने के चलते कुमाऊं मंडल के अलग-अलग जिलों में 54 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के लिए जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी लगातार प्रयास कर रहा है।
सबसे अधिक नुकसान बागेश्वर जनपद में हुआ है
सबसे अधिक नुकसान बागेश्वर जनपद में हुआ है, जहां मलबा आने से 26 सड़कें बंद हैं। कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार, बागेश्वर जनपद में सबसे अधिक 26 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा पिथौरागढ़ जनपद में 13, चंपावत जनपद में आठ, अल्मोड़ा जनपद में चार जबकि नैनीताल जनपद में तीन सड़कें बंद हैं। प्रशासन द्वारा मिले आंकड़ों के अनुसार, बंद अधिकतर सड़कें जिला और ग्रामीण मार्गों की हैं।
बारिश के मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने पत्रकारों को बताया, “मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार कुमाऊं मंडल के कई हिस्सों में बारिश हो रही हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा पहाड़ों पर जहां-जहां सड़कें बंद हैं उसे खोलने का प्रयास किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “आपदा और भारी बारिश को लेकर जिला प्रशासन की नजर बनी हुई है। जहां से बारिश से अधिक नुकसान की खबर आ रही है, उसकी निगरानी मैं स्वयं कर रहा हूं। जिला प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया है। जो भी टीमें गठित की गई हैं, वे रिस्पांस टाइम कम कर रही हैं।”