


भारत जल्द ही अंतरिक्ष विज्ञान में एक और बड़ी छलांग लगाने वाला है। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने ऐलान किया है कि दिसंबर 2025 में संगठन ‘गगनयान मिशन’ के तहत पहली अनक्रूड फ्लाइट लॉन्च करेगा। खास बात यह है कि इसमें इंसान की जगह ‘व्योममित्र’ नाम के एक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट को भेजा जाएगा। इस रोबोट को एक महिला का रूप दिया गया है जो मिशन के दौरान इंसान की जगह काम करेगी। यह मिशन बताएगा कि भारत अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए कितना तैयार है।
इसका मकसद उन सिस्टम्स को परखना है जो इंसानों को अंतरिक्ष तक भेजने और सकुशल वापस लाने में काम आएंगे। नारायणन के मुताबिक, अगर यह उड़ान सफल रहती है तो अगले साल दो और बिना इंसान वाले मिशन पूरे किए जाएंगे। इसके बाद 2027 की शुरूआत में भारत अपना पहला गगनयात्री अंतरिक्ष में भेजेगा और उसे सुरक्षित वापस लाएगा। गगनयात्रियों का चयन पहले ही हो चुका है और उनका प्रशिक्षण भी चल रहा है।
व्योममित्र की खासियतें
- व्योममित्रा एक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसके निचले अंग नहीं हैं। एआई-सक्षम रोबोट को उड़ान के दौरान कंपन और झटके को झेलते हुए रॉकेट पर उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे चेहरे के हाव-भाव, बोलने औरदेखने की क्षमता के साथ इंसान जैसा बनाया गया है।
- व्योममित्र की मदद से इंटीग्रेटेड एयर ड्राप, पैड अबार्ट टेस्ट और टेस्ट वीकल फ्लाइट्स के ऑपरेशन को समझने में मदद मिलेगी। इसके जरिए जो भी खामियां होंगी उन्हें सुधारने में मदद मिलेगी।
- व्योममित्र मॉड्यूल पैरामीटर के जरिए ना सिर्फ निगरानी बल्कि अलर्ट भेज सकता है यह स्विच पैनल संचालन जैसी गतिविधियां कर सकता है। रोबोट अंतरिक्ष यात्रियों से बातचीत कर सकता है और उन्हें पहचानके साथ साथ सवालों के जवाब भी दे सकता है।
व्योममित्र से मिलेगा मिशन को बल
यह मिशन केवल तकनीक का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि भारत के सपनों और आत्मविश्वास की उड़ान है। जब दिसंबर में व्योममित्र अंतरिक्ष की ओर बढ़ेगा, तो यह आने वाले भारतीय गगनयात्रियों के लिए रास्ता साफ करेगा। 2027 में जब भारत का पहला गगनयात्री अंतरिक्ष से तिरंगा लहराएगा, तो यह पल पूरी दुनिया के लिए भारत की ताकत और क्षमता का सबूत होगा।