Akshaya Tritiya - हमारे देश में त्योहारों का अपना एक अलग ही महत्व होता है। (Akshaya Tritiya) हर त्योहार की अपनी एक अलग मान्यता भी होती है। हिंदू परंपराओं में अक्षय तृतीया को वैशाख मास का एक खास त्योहार माना जाता है। इसे कई क्षेत्रों में अक्ती भी कहा जाता है।
भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्मोत्सव
अक्षय तृतीया को इसलिए ओर खास माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था। भगवान परशुराम उन आठ पौराणिक पात्रों में से एक हैं। जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है। इसी अमरता के कारण इस त्योहार को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। आज के दिन किए जाने वाले हर काम अक्षय होते हैं। भगवान परशुराम की उन सभी पर कृपा बनी रहती है।
सबसे ज्यादा विवाह सम्मेलन अक्षय तृतीया पर
हिंदु परंपराओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर ऐसे विवाह भी हो जाते हैं जो किसी न किसी कारण से रूके रहते हैं। ऐसे में लोग अक्षय तृतीया के दिन अपने बच्चों का विवाह कर देते हैं। यह भी मान्यता है कि ऐसे विवाह संबंध कभी टूटते नहीं हैं। वहीं अक्षय तृतीया पर विवाह सम्मेलन भी सबसे ज्यादा होते हैं।
अबूझ मुहूर्त पर किए गए सभी काम बिना हानि के पूरे होते हैं
इस अबूझ मुहूर्त पर किए गए सभी काम बिना हानि के पूरे होते हैं। पूरा दिन ही शुभ मुहूर्त माना गया है। इस तिथि को अक्षय यानी जिसका कभी क्षरण ना हो, जो हमेशा कायम रहे, कहा जाता है। इसके पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं। ये तिथि भगवान परशुराम के जन्म से लेकर गंगा के धरती पर आने और कृष्ण-सुदामा के मिलन तक से जुड़ी हैं।
Written By - DILEEP PAL
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