हिन्दू पंचाग में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है। यह व्रत तीन दिनों का होता है। इसमें वट वृक्ष के नीचे पूजा का विधान है। उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। इस व्रत में वट वृक्ष के नीचे कच्चा सूत बांधकर 108 बार उसकी परिक्रमा करना होता है। इसके अलावा कई सारी चीजें वट वृक्ष के नीचे पूजा के दौरान अर्पण करना पड़ता है। आइये जानते हैं पूजा और व्रत की इस सामग्रियों के बारे में।
हिन्दू पंचाग में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए करती हैं।
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