24 मई से ज्येष्ठ का पावन महीना शुरू होने जा रहा है। जो कि 22 जून को समाप्त होगा। इस माह में हनुमान जी, वरुण देव और सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। धार्मिक दृष्टि से ये महीना बेहद खास महत्व रखता है। इस महीने में किए गए दान, स्नान और पूजा-पाठ को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस माह में विशेष तौर पर हनुमान जी और सूर्यदेव की आराधना करने से जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह में कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ के इस पावन महीने में लहसुन, बैंगन और राई का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस महीने में इन चीजों को जो कोई भी व्यक्ति खाता है तो उसको स्वास्थ्य से संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं इस महीने इन चीजों का सेवन करने से ग्रह दोष लगता है।
ज्येष्ठ माह में जल के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है। ऐसे में इस महीने में भूलकर भी पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। वहीं इस महीने में गर्मी की वजह से नदी और तालाब का पानी सूख कर कम हो जाता है। जिसके चलते इस दौरान लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप इस महीने में पानी की बर्बादी करते हैं तो इससे आपको जीवन में कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पानी की बर्बादी से धन की हानि होती है। ऐसे में यदि आप भी जल की बर्बादी करते हैं खासतौर पर इस माह में तो गरीबी को घर में प्रवेश करने से कोई भी रोक नहीं पाता है।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इसे बड़ा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि इस महीने के प्रत्येक मंगलवार को किसी को भी पैसे उधार देने से बचना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इस दिन उधार दिए गए पैसों के वापिस मिलने की संभावना कम होती है।
24 मई से ज्येष्ठ का पावन महीना शुरू होने जा रहा है। जो कि 22 जून को समाप्त होगा। इस माह में हनुमान जी, वरुण देव और सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। धार्मिक दृष्टि से ये महीना बेहद खास महत्व रखता है।
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