इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल को हो गया है। वही आज यानी की गुरुवार को नवरात्री का तीसरा दिन है। आज के दिन चंद्रघंटा माँ की पूजा की जाती है। चंद्रघंटा माँ को दुर्गा माँ के नौ रूपों में से एक माना जाता है। इन नौ रूपों में वह तीसरा रूप होता है। बता दें कि, चंद्रघंटा माँ की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। चंद्रघंटा माँ का नाम उनकी चांदी वर्ण वाली चंद्रवट से जुड़ा हुआ है, जो उनके मुख पर पाया जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि:-
इस दिन लाल वस्त्र धारण करके मां चंद्रघंटा की उपासना करना उत्तम होता है. मां को लाल फूल, रक्त चंदन और लाल चुनरी समर्पित करना चाहिए. नवरात्रि के तीसरे दिन मणिपुर चक्र पर "रं" अक्षर का जाप करने से मणिपुर चक्र मजबूत होता है. यदि इस दिन की पूजा से कुछ अद्भुत सिद्धियों जैसी अनुभूति होती है तो उस पर ध्यान न देकर आगे साधना करते रहना चाहिए.मां चंद्रघंटा की आरती:-
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान। मस्तक पर है अर्ध चंद्र, मंद मंद मुस्कान।। दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद। घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण।। सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके स्वर्ण शरीर। करती विपदा शांति हरे भक्त की पीर।। मधुर वाणी को बोल कर सबको देती ज्ञान। भव सागर में फंसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण।। नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां। जय मां चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा।।
Comments (0)