मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा व साधना के लिए नवरात्रि का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। नवरात्रि में श्रद्धाभाव से मां भगवती की अराधना करने से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 09 अप्रैल 2024 से हो चुकी है और नवरात्रि के तीसरे दिन यानी आज मां चंद्रघण्टा की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के तीसरे दिन की अधिष्ठात्री देवी मां चन्द्रघण्टा हैं। माता चन्द्रघण्टा का स्वरूप बड़ा अद्भुत और विलक्षण है। इनकी सवारी सिंह है और इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचन्द्र है, इसलिए इन्हें ’चन्द्रघन्टा’ के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन साधना करने वाले का मन मणिपुर चक्र में स्थित होने के कारण उसे विलक्षण प्रतीति होती है। वातावरण सुगंधमय हो जाता है और विशेष ध्वनियां सुनाई पड़ती है।
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा व साधना के लिए नवरात्रि का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। नवरात्रि में श्रद्धाभाव से मां भगवती की अराधना करने से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति होती है।
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