देवशयनी एकादशी को साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है, जो हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं, जिसके बाद 4 माह तक यानी देवउठनी एकादशी तक सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं।
भूल से भी न करें ये काम
तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए
ऐसा माना जाता है कि एकादशी तिथि पर तुलसी माता, भगवान विष्णु के के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए एकादशी पर तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन पर तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।
साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
यदि आप श्री हरि की कृपा के पात्र बने रहना चाहते हैं, तो इसके लिए एकादशी पर तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। तुलसी के आस-पास भूल से भी जूते-चप्पल या कूड़ेदान आदि भी नहीं रखना चाहिए। वरना इससे लक्ष्मी माता नाराज हो सकती हैं।
स्नान करने के बाद ही तुलसी को स्पर्श करें
तुलसी को कभी भी गंदे या फिर जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। एकादशी तिथि पर स्नान करने के बाद ही तुलसी को स्पर्श करें। साथ ही एकादशी तिथि पर तुलसी की पूजा करते समय भूल से भी काले कपड़े न पहनें। ऐसा करने से नकारात्मकता बढ़ सकती है।
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