तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। देवउठनी एकादशी के अगले दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का भी विवाह होता है। आज के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।देवउठनी एकादशी पर करें ये काम
देवउठनी एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है।
देवउठनी एकादशी के दिन गंगा या फिर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए केसर, केला या हल्दी दान करनी चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रखने से धन, मान-सम्मान और संतान सुख के साथ मनचाहें फल की प्राप्ति होती है।
देवउठनी एकादशी का व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
देवउठनी एकादशी पर न करें ये काम
देवउठनी एकादशी पर तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, इसे खाने से व्यक्ति का मन चंचल होता है और प्रभु भक्ति में मन नहीं लगता है।
देवउठनी एकादशी की सुबह दातून करना वर्जित है। किसी पेड़-पत्ती की फूल-पत्ती तोड़ना वर्जित है।
देवउठनी एकादशी के दिन उपवास करें या ना करें लेकिन ब्रह्माचर्य का पालन करें। इस दिन संयम रखना जरूरी है।
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