आज देशभार में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। लोग आज अपने घरों में गणपति बप्पा का हर्षोल्लास के साथ स्वागत करेंगे। इसके लिए पूजा स्थान और पंडालों को भव्य रूप से सजाया गया है। हिंदू कैलेडर के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। आज जिन लोगों को गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करनी है, उन्हें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
पूजा मुहुर्त
अगर आप गणेश जी की मध्यान्ह पूजा करना चाहते हैं और अपने घर में गणपति स्थापित करना चाहते हैं तो आपको प्रातः काल 11:05 से अपराहन 1:36 के बीच गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और उन्हें स्थापित करना चाहिए। इस प्रकार 31 अगस्त से शुरू करके 9 सितंबर 2022 तक अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाना चाहिए।
गणेश जी की स्थापना और पूजन विधि
1- सबसे पहले पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें और उसकी सजावट कर लें। फिर गणपति बप्पा लाएं।
2- गणपति बप्पा को एक चौकी पर स्थापित करें। उस पर एक पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। फिर नीचे दिए मंत्र से बप्पा का आह्वान और स्थापना करें।
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
3- अब गणेश जी का पंचामृत से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें। फिर उनको फूल, अक्षत्, चंदन, दूर्वा, जनेऊ, पान का पत्ता, सुपारी, सिंदूर, फल आदि चढ़ाएं। उनको मोदक, केला आदि का प्रसाद लगाएं। इस दौरान आप नीचे दिए मंत्र पढ़ें।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
4- अब गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश जी की आरती करें। जो लोग व्रत हैं, वे गणेश जी की जन्म कथा या व्रत कथा को सुनें। दिनभर भक्ति भजन और जागरण करें। अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करें।
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