आत्मबोध और मन की शांति के लिए लोग अध्यात्म का सहारा लेते हैं। अध्यात्म या स्पिरिचुअलिज़्म व्यक्ति को मानसिक स्तर पर मज़बूत बनाता है। अध्यामत्म व्यक्ति को ना केवल भौतिकवाद के मोह से बचाता है बल्कि, जीवन में सही कार्यों पर फोकस करने और निर्णय लेने में भी सहायता करता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अध्यात्मिक लोगों की सेहत पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है? जी हां, अध्यात्म अपनाने से हमारे स्वास्थ्य को भी कई फायदे होते हैं।
डिप्रेशन रहता है दूर
कुछ वर्ष पहले एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि जो लोग दैनिक स्तर पर मेडिटेशन और अन्य धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं। उन लोगों के मष्तिष्क में कोर्टेक्स (Cortex) वाला भाग अधिक मोटा होने लगता है। इससे, डिप्रेशन से बचने में मदद होती है।
खुशहाल पारिवारिक जीवन
ऐसे लोग अपने परिवार के साथ ज़्यादा खुशहाल और संतुष्ट महसूस करते हैं। साथ ही पति-पत्नी जैसे रिश्तों को भी प्रगाढ़ बनने में भी आध्यात्म से जुड़े लोगों को ज़्यादा सफलता मिलती है। स्टडीज़ में भी कुछ ऐसे ही दावे किए गए हैं कि जो लोग अध्यात्म से जुड़े हुए होते हैं, उनके लिए अपने रिश्तों को संभालना आसान होता है।
इम्यूनिटी में होता है इज़ाफा
ज़िंदगी में आनेवाली स्थितियों को सामना करने के लिए अध्यात्म मानसिक स्तर पर तो आपको मज़बूत बनाता ही है। लेकिन, साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम को इंफेक्शन्स और वायरल बीमारियों से बचाने में भी सहायता करता है। दरअसल, अध्यात्म हमारे नर्वस सिस्टम पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। जिससे, इम्यून सिस्टम को कार्य करने में मदद होती है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
जिंदगी होती है लम्बी
कुछ स्टडीज़ में कहा गया है कि, अध्यात्म से जुड़े लोगों में भरोसा, आत्मविश्वास और उम्मीद जैसी भावनाएं बढ़ जाती हैं। कुछ वर्ष पहले हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा आयोजित एक स्टडी में यह कहा गया कि, अध्यात्म से जुड़े लोगों को कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और कैंसर सहित कई बीमारियों का रिस्क कम होता है। जिससे, लोग हेल्दी और लम्बी ज़िंदगी जीते हैं।
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