टीम इंडिया के सीनियर ऑफ स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने अपने उस सबसे बुरे समय को याद किया जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि, वो साल 2017 में क्रिकेट छोड़कर एमबीए डिग्री करने का मन बना चुके थे।
मैं खुद से करने लगा सवाल - अश्विन
ऑफ स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि, मैंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था। मैं खुद से पूछ रहा था कि, क्या करूं? मैंने कहा कि, जो भी जिंदगी में करूंगा, उसमें उच्चतम सफलता हासिल करने की कोशिश करूंगा और उस पेशे में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनना चाहूंगा। मैं संभवत: एमबीए मार्केटिंग में करता। आगे बोलते हुए अश्विन ने कहा कि, भले ही मेरे पास मेरा परिवार है और मैं उनके पास वापस लौट सकता था, लेकिन मैं ज्यादा चीजें नहीं कह सकता था। उन्होंने आगे कहा कि, मैं कह सकता हूं कि, क्रिकेट कई मायनों में कॉर्पोरेट अफेयर की तरह है, जिसमें कुछ सरकारी संस्थागत गतिविधियां और जोड़ होते हैं।
मैंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था
रविचंद्रन अश्विन ने बताया कि, भारतीय सफेद गेंद स्क्वाड से बाहर होने के बाद उनकी अपने पिता से बातचीत हुई, जिसके बाद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का मन भी बना लिया था। भाग्य की बात रही कि, अश्विन को 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम से बुलावा आया और उन्होंने टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच खेला।
तुम बहुत सीधे और ईमानदार हो
ऑफ स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने आगे कहा कि, मेरे पिता और मैं काफी लड़ते हैं। उन्होंने मुझे एक बात कही, तुमको पता है? तुम बहुत सीधे और ईमानदार हो। यही वजह है कि, तुम्हारे हाल बुरे हैं। मैं ये सोचना चाहता था कि, काफी मजबूत हूं, लेकिन मैंने खुद को कमरे में बंद कर लिया। मैं लंबे समय तक रोया। मैंने उम्मीद नहीं की थी मेरे पिता ऐसी बात कहेंगे। मुझे लगता नहीं कि, उन्हें इस बात का एहसास भी होगा। मैंने सोचा कि, मैं अपने घर के लोगों को काफी परेशान कर रहा हूं। मैं खुद को कमरे में बंद कर लेता था। मैंने उस दौरान कभी क्रिकेट नहीं देखा। मेरा कमरा ज्यादातर समय अंधेरे से घिरा रहता था।
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