अवैध मदरसों पर धामी सरकार के सख्त निर्देशों के बाद प्रदेश में नियमविरुद्ध चल रहे मदरसों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है।खासकर रमज़ान के समय हो रही इस कार्रवाई को देखते हुए विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं।उत्तराखंड प्रदेश की राजधानी देहरादून से यह सख्त एक्शन शुरू हुआ है। जिसमें सबसे बड़ी कार्रवाई विकासनगर तहसील क्षेत्र में देखने को मिल रही है।
63 मदरसे चिन्हित
जहां सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 63 मदरसे चिन्हित किए गए हैं। जिनमें से करीब 31 मदरसे पंजीकृत हैं, जबकि करीब 30 मदरसे बिना पंजीकरण के संचालित किए जा रहे हैं। जिसके चलते बिना मान्यता और मदरसा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से संचालित किए जा रहे मदरसों के खिलाफ उनको सील किए जाने की कार्रवाई लगातार जारी है। पंजीकरण के साथ ही कई मदरसों में अन्य अनियमितता के एमडीडीए से बिना मानचित्र स्वीकृति के बनाए गए मदरसों को नोटिस भी दिया जा रहा है। जिसको लेकर अब मुस्लिम पक्ष की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। जिनका साफ तौर पर कहना है कि रमज़ान के महीने में की जा रही यह कार्रवाई सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है।
मुस्लिम पक्ष का विरोध
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि क्षेत्र के कई मदरसा संचालकों ने पंजीकरण के आवेदन किया हुआ है, जिनका मदरसा बोर्ड के नियमों के चलते उनके पंजीकरण की कार्रवाई लंबित है। वहीं उनका यह भी कहना है कि क्षेत्र में तमाम तरह के स्थल व भवन मौजूद हैं मगर टारगेट सिर्फ मुस्लिमों को किया जा रहा है। बीते शनिवार को शुरू हुई अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई सोमवार को फिर से शुरू की गई। जिसमें जहां पहले चार मदरसों को सील किया गया था, वहीं पांच अन्य जगह बिना पंजीकरण के संचालित किए जा रहे पांच मदरसों की सील किया गया। जबकि छः मदरसों को एमडीडीए की ओर से मानचित्र स्वीकृति को लेकर नोटिस दिए गए।
तहसील प्रशासन, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, एमडीडीए और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संयुक्त टीम पूरे लाव लश्कर के साथ कार्रवाई को पहुंची टीम की अगुवाई कर रहे एसडीएम विनोद कुमार का कहना है कि जिला प्रशासन के निर्देशों के क्रम में यह कार्रवाई जारी है, जिसमें कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल करते हुए कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
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