चंपावत जिले में लंबे समय से बरसात न होने के कारण जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में सूखे के हालात पैदा हो चुके हैं। पर्वतीय क्षेत्र में जहां पेयजल किल्लत होने के साथ-साथ फसले भी सूखने के कगार में आ चुकी जिले के पूर्व किसान संगठन जिलाध्यक्ष नवीन सिंह करायत ने बताया बरसात न होने से पर्वतीय क्षेत्र में गेहूं ,चना व अन्य फसले पूरी तरह सूख चुकी है क्षेत्र के किसानों के द्वारा लाखों रुपए का बीज खरीद कर आलू की बुवाई की गई है।
बैंक से ऋण लेकर की बुवाई
बरसात न होने के कारण चंपावत जिले में खेती सूखने के कगार पर है किसानों ने कहा कि अगर जल्द बारिश नहीं होती है तो सूखे का असर आलू की खेती में भी नजर आएगा उन्होंने कहा क्षेत्र के अधिकतर किसानों ने बैंक से ऋण लेकर आलू की बुवाई की है। पहले की फसले सूख चुकी है जिस कारण किसानों में काफी आर्थिक बोझ पढ़ चुका है। पिछले वर्ष भी आलू व अन्य फसले पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी किसानों के बीज तक की वसूली नहीं हो पाई थी नवीन सिंह करायत व क्षेत्र के किसानों ने सरकार से किसानों को राहत देते हुए कृषि ऋण माफ करने व अन्य राहत देने की मांग की है। उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्र की फसले बारिश पर निर्भर रहती है। लेकिन मौसम चक्र में परिवर्तन के कारण अब जाड़ों में न तो बारिश हो रही है और न बर्फ पढ़ रही है। जिसका बड़ा असर खेती में देखने को मिल रहा है बची खुची फसलों को जंगली जानवर बर्बाद कर रहे हैं। जिस कारण पर्वतीय क्षेत्र के किसान काफी परेशान है। कई किसानों के द्वारा खेती करना तक छोड़ दिया गया है। सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसानों को राहत देनी चाहिए।
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