रामनगर के जंगल फिर खतरे में हैं! वन निगम की लॉटों से अवैध कटान का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो चुका है। सवाल ये है कि जब सुरक्षा की जिम्मेदारी वन निगम पर थी, तो लाखो की लकड़ी आखिर कैसे चोरी हो गई? और सबसे बड़ा सवाल— क्या ये चोरी किसी बड़े खेल का हिस्सा है, जिसमें जिम्मेदार अफसर भी शामिल हैं?
ज्वाला वन में लकड़ी चोरी का जिम्मेदार कौन?
रामनगर के ज्वाला वन में लकड़ी माफियाओं का राज चलता नजर आ रहा है, और वन निगम तमाशबीन बना हुआ है। इस लापरवाही और भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत हैं। वन विभाग जब किसी लॉट को वन निगम को सौंपता है, तो उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी निगम की होती है। लेकिन माफिया बेखौफ होकर लकड़ी काटकर ले जा रहे हैं, और निगम के जिम्मेदार अफसर चुप्पी साधे बैठे हैं। इतना ही नहीं, माफिया वन निगम की टीम को खुलेआम धमकाते हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसर सिर्फ खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं। सवाल उठता है— क्या ये डर है या फिर कोई अंदरूनी साठगांठ? आखिर कैसे माफिया खुलेआम लकड़ी काट रहे हैं, और वन निगम, प्रशासन में सब खामोश बैठे हैं? साल 2022 में भी इसी ज्वाला वन में लाखों की लकड़ी चोरी हुई थी, जिसका खुलासा किया गया था उस समय भी खानापूर्ति करते हुए वन निगम के स्केलर और एक सैक्शन अधिकारी को सस्पेंड कर खानापूर्ति कर दी गई लेकिन किसी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब फिर वही कहानी दोहराई जा रही है। सवाल सिर्फ वन निगम के छोटे अफसरों पर नहीं, बल्कि वन निगम के जिम्मेदारो पर भी है— आखिर वो इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?
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