उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है। नए कानून के तहत 27 जनवरी 2025 के बाद होने वाले हर विवाह का रजिस्ट्रेशन विवाह की तिथि से 60 दिनों के भीतर करवाना आवश्यक होगा। समय सीमा के भीतर पंजीकरण न कराने पर संबंधित जोड़े को विलंब शुल्क भरना होगा, जिसके बाद ही विवाह का आधिकारिक पंजीकरण संभव होगा।
नगर निगम चलाएगा विशेष अभियान
साथ ही 26 मार्च 2010 से लेकर 27 जनवरी 2025 तक संपन्न हुए विवाहों का पंजीकरण अगले छह महीने के भीतर करवाना अनिवार्य किया गया है। इस नियमावली के प्रभाव में आने के बाद रुड़की नगर निगम कार्यालय में अब तक 30 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से दो आवेदन खारिज कर दिए गए हैं, जबकि दो अन्य को तय समय सीमा से अधिक होने के कारण आगे भेजा गया है।नगर आयुक्त राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि विवाह पंजीकरण को लेकर आमजन को जागरूक करने के लिए नगर निगम विशेष अभियान चलाएगा। सरकार के निर्देशानुसार, शहरभर में पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए जाएंगे, ताकि लोग समय पर अपने विवाह का पंजीकरण करवा सकें।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नगर निगम क्षेत्र में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए टैक्स इंस्पेक्टर को UCC कानून के तहत सब-रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है, जबकि नगर आयुक्त स्वयं रजिस्ट्रार की भूमिका निभाएंगे।नए कानून को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर अपने विवाह का पंजीकरण करा सकें और किसी प्रकार की परेशानी से बच सकें।
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