रायपुर में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने स्पष्ट कहा कि “टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य समयबद्ध रूप से हासिल किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि जनभागीदारी आधारित मॉडल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर मज़बूत किया जाएगा, ताकि प्रत्येक नागरिक तक बेहतर चिकित्सा सुविधाएं पहुँच सकें।
निदान, दवा प्रबंधन और टेलीमेडिसिन पर होगा फोकस
बैठक के दौरान दवा विनियमन को कड़ा बनाने, निदान सुविधाओं का विस्तार करने और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने पर विशेष चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य परामर्श अभियान शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से औषधि प्रबंधन, जनस्वास्थ्य पहल और निदान सेवाओं को नई दिशा मिलेगी और इनका लाभ सीधे जनता तक पहुँचेगा।
रक्तकोष मानकों, मुफ्त दवा योजना और खाद्य सुरक्षा पर जोर
नड्डा ने निर्देश दिए कि राज्यों के सभी रक्तकोष निर्धारित सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें और उनकी नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। साथ ही नि:शुल्क औषधि एवं निदान योजना के अंतर्गत अधिकतम लोगों को लाभ दिलाने, खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने और परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर बल दिया गया।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य और गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को मातृ मृत्यु दर (MMR), शिशु मृत्यु दर (IMR) और नवजात मृत्यु दर (NMR) कम करने के लिए निगरानी तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने गैर-संचारी रोगों की 100% स्क्रीनिंग, कुष्ठ नियंत्रण के लिए तिमाही रोगी खोज अभियान और स्वास्थ्य तंत्र को लक्ष्य आधारित दिशा में आगे बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।
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