पाकिस्तान में महंगाई दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत भी लगातार ऊंची कीमतों से जूझता रहा है, लेकिन दिसंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर गिरकर 5.72 फीसदी दर्ज की गई है। जो कि नवंबर में 5.88 फीसदी थी। लेकिन इसी मोर्चे पर पाकिस्तान का सिस्टम पूरी तरह से फेल होता नजर आ रहा है।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के तीन पड़ोसी देशों श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश की हालत ठीक नजर नहीं आ रही है। इसमें श्रीलंका और पाकिस्तान की हालत बदतर स्थिति की ओर है। बीते साल श्रीलंका से जिस तरह की खबरें आ रही थीं वैसे ही हालात पाकिस्तान में भी हैं।
पाकिस्तान में महंगाई ने आम जनता का जीना दूभर कर दिया है। लोग इस कदर लाचार हैं कि दाल और आटे जैसी मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के लिए हजारों रुपए देने को मजबूर हैं।
दरअसल पाकिस्तान में आटे की कीमत में एक साल के अंदर 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। महंगाई दर की बात करें तो फिलहाल ये 24.5 फीसदी यानि लगभग 25 फीसदी है। जिसमें शहरी खाद्य महंगाई दर 32.7 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 37.9 फीसदी है। अगर यही आंकड़े भारत में देखें तो शहरी इलाकों में महंगाई दर 5.39 फीसदी दर्ज की गई है। जो नवंबर में 5.68 फीसदी थी यानि महंगाई दर में लगातार कमी आ रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों की बात करें तो यहां भी ताजा आंकड़ों में महंगाई दर के 6.05 फीसदी होने का दावा किया गया है।
भारत सरकार ने महंगाई से निपटने के लिए लगातार कदम उठाए हैं। लेकिन अगर पाकिस्तान की मौजूदा महंगाई दर को भारत के नजरिए से देखें तो यहां भी आटा, दाल-चावल जैसी बेसिक चीजों के दाम बढ़ेंगे। हालांकि आर्थिक मामलों के जानकार मनीष गुप्ता का कहना है कि भारत इन चीजों में काफी हद तक आत्मनिर्भर है।
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