भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए हैं। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों का उपयोग किया और SCALP मिसाइलों से हमले किए, जो 300 किमी से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम हैं। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमले में स्कैल्प मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है। मंगलवार देररात भारतीय वायुसेना के राफेल से स्कैल्प मिसाइलों को दागा।
स्कैल्प मिसाइलें अपनी लम्बी रेंज के लिए जानी जाती हैं और दुश्मन की लोकेशन पर टार्गेट करके तबाही मचाती हैं। दुश्मन की लोकेशन को टार्गेट करने का तरीका अलग होता है। आइए जानते हैं कितनी अलग है स्कैल्प मिसाइल, यह कैसे हमला करती है और कितनी दूरी तक तबाही मचाती है।
स्कैल्प मिसाइल कितनी ताकतवर?
स्कैल्प मिसाइल को यूरोपियन कंपनी MBDA ने विकसित किया है। यह यूरोप की मल्टीनेशनल डिफेंस कंपनी है। मिसाइल को 90 के दशक के अंत में यूके की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांस की एयरफोर्स के लिए तैयार किया गया था। यह मिसाइल अपने टार्गेट को सटीक निशाना लगाकर तबाही मचाने के लिए जानी जाती है। सटीक निशाने के लिए इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगा है जो जीपीएस और एडवांस तकनीक से डाटा का इस्तेमाल करके जबदरस्त तबाही मचाती है। दावा किया जाता है, यह इतनी ताकतवर है कि खराब मौसम होने पर भी इसकी क्षमता पर असर नहीं होता।
कैसे लम्बी दूरी तक बनाती है निशाना?
स्कैल्प मिसाइल 560 किलोमीटर की दूरी तक निशाना बनाती है। इसकी खासियत यह भी है कि इसे कई एयरक्राफ्ट प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। इसमें राफेल, मिराज 2000, यूरोफाइटर टायफून, टॉरनाडो GR4 शामिल है। भारत ने राफेल से एयर स्ट्राइक करते हुए स्कैल्प मिसाइल को दागा है। स्कैल्प मिसाइल बनाने वाली कंपनी MBDA के अनुसार, इसमें लगा इंफ्रारेड कैमरा अपने टार्गेट की तस्वीरों और पहले से मौजूद तस्वीरों का मिलान करता है। दोनों तस्वीरें मैच होने के बाद यह लक्ष्य पर घात लगाकर हमला करती है। यही वजह है कि इसका निशाना अचूक होता है। यह टार्गेट से नहीं भटकती।
रूस-यूक्रेन जंग में मचाई तबाही
रूस और यूक्रेन की जंग में कई बार इस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। 1300 किलो वजनी यह मिसाइल ज्यादातर पर राफेल या फिर यूके के यूरोफाइटल टायफूल से लॉन्च की जाती है। इराक, लीबिया और सीरिया में भी इसका इस्तेमाल किया गया है।
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