मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में जिस तरह से राजनीतिक और रणनीतिक रूप से अहम दोनों विधेयकों-विकसित भारत जी राम जी और शांति बिलों ( SHANTI Bill 2025 ) को पास कराया है, वह सहयोगियों पर उसकी पकड़ मजबूत होने के सटीक प्रमाण हैं। क्योंकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदा कार्यकाल में बीजेपी को लोकसभा में पहली बार अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं है। फिर भी जिस तरह से पीएम मोदी की गैर-मौजूदगी में भी सरकार ने दोनों सदनों से इन विधेयकों को पारित कराया है, वह सरकार पर उनकी मजबूत पकड़ के संकेत है। दोनों ही विधेयक पीएम मोदी के जॉर्डन, ओमान और इथियोपिया यात्रा के दौरान पास हुए हैं।
संसद से आसानी से पास हुए बिल
बिहार में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए ने जो शानदार जीत हासिल की है, उससे शीतकालीन सत्र में विपक्षी इंडिया गठबंधन का हौसला टूटा नजर आया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तो सत्र के दौरान बीच में ही जर्मनी घूमने चले गए थे। जबकि, उन्हें पता था कि सरकार न सिर्फ मनरेगा की जगह नया कानून लाने वाली है, बल्कि न्यूक्लियर सेक्टर का दरवाजा भी प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने जा रही है।
बीजेपी की सरकार पर बढ़ी पकड़
यही नहीं, चाहे चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर संसद में हुई बहस हो या फिर वंदे मातरम् पर सरकार की ओर से आयोजित चर्चा, जेडीयू और टीडीपी समेत सभी सहयोगी दल पूरी तरह से मजबूती के साथ बीजेपी की लाइन से बंधे रहे और उसपर चलकर दिखाया। लेकिन, विपक्षी इंडिया ब्लॉक में न तो कभी ऐसी एकजुटता दिखी और न ही एक लाइन।