


पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बाद, देश के वायुसेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका का आधिकारिक दौरा किया है, जो दोनों देशों के बीच फिर से सुधरते संबंधों का संकेत है। अधिकारियों ने बताया है कि सिद्धू की यात्रा का मकसदस मुनीर की अमेरिका यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना था। पिछले 10 सालों के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि पाकिस्तान वायु सेना के किसी प्रमुख ने अमेरिका की यात्रा की हो। पाकिस्तान वायुसेना ने बुधवार को एक बयान में कहा है कि "यह उच्च स्तरीय यात्रा पाकिस्तान-अमेरिका रक्षा साझेदारी में एक रणनीतिक मील का पत्थर है। यह यात्रा प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों को संबोधित करने के साथ-साथ संस्थागत संबंधों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"
बयान में पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ सिद्धू के यात्रा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई है, जिसमें अमेरिका के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकों का जिक्र किया गया है। पेंटागन की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी वायु सेना के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के सचिव केली एल. सेबोल्ट और वायु सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड डब्ल्यू एल्विन से मुलाकात की।
क्या चीन के ऊपर से पाकिस्तान का उठा भरोसा?
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के चीनी एयर डिफेंस सिस्टम, रडार सिस्टम और कई लड़ाकू विमानों को तबाह कर दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि जब भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल दागी तो पाकिस्तान के पास सोचने के लिए सिर्फ 30 से 35 सेकंड का वक्त था। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान कथित तौर पर अमेरिका से F-16 ब्लॉक 70 लड़ाकू जेट, एयर डिफेंस सिस्टम और HIMARS तोपखाने जैसे एडवांस अमेरिकी प्लेटफॉर्म हासिल करने में दिलचस्पी रखता है।