बांग्लादेश के 2024 छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके सिर में गोली लगने के कुछ दिन बाद उनकी मौत हुई। हादी के निधन की खबर फैलते ही बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा और अशांति भड़क उठी और कई शहरों में हालात बिगड़ गए।
दरअसल, 12 दिसंबर को ढाका के पलटन इलाके में कल्वरट रोड पर अज्ञात हमलावरों ने उस समय शरीफ उस्मान हादी को गोली मार दी थी, जब वह बैटरी से चलने वाले ऑटो-रिक्शा से यात्रा कर रहे थे। हमले के तुरंत बाद उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां से बाद में उन्हें एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर हादी को बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया, जहां गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हादी की मौत हत्या के प्रयास के दौरान लगी चोटों के कारण हुई। फिलहाल उनके पार्थिव शरीर को सिंगापुर से ढाका लाने की प्रक्रिया जारी है।
हादी की मौत के बाद न्याय की मांग को लेकर गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के ढाका की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए। कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं सामने आईं। विरोध प्रदर्शन ढाका से निकलकर देश के अन्य हिस्सों तक फैल गए। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने भारतीय राजनयिक परिसरों की ओर मार्च करने की कोशिश की, जबकि अवामी लीग से जुड़ी संपत्तियों को भी निशाना बनाए जाने की खबरें हैं।
कौन थे शरीफ उस्मान हादी?
शरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024 में हुए बांग्लादेश छात्र विद्रोह के प्रमुख नेताओं में शामिल थे। वह हसीना-विरोधी मंच ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता थे, जो पिछले साल हुए आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था। इसी आंदोलन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था। हादी आगामी फरवरी में होने वाले चुनावों में उम्मीदवार थे और हमले के वक्त ढाका-8 सीट से एक स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव प्रचार कर रहे थे।
मुहम्मद यूनुस का बयान
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि वह बेहद दुख के साथ यह सूचना दे रहे हैं कि जुलाई विद्रोह के अग्रिम पंक्ति के निडर नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी अब नहीं रहे। यूनुस ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा करते हुए गोलीबारी के जिम्मेदार लोगों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने नागरिकों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील भी की। यूनुस ने कहा कि हादी उन ताकतों के खिलाफ खड़े थे, जिन्हें उन्होंने “पराजित और फासीवादी” करार दिया — यह टिप्पणी अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अब भंग हो चुकी अवामी लीग की ओर इशारा मानी जा रही है।