


महाकालेश्वर मंदिर में 21 जून की सुबह भस्म आरती के पावन अवसर पर भक्ति, विधि-विधान और सुरक्षा प्रबंधन का दुर्लभ संगम देखने को मिला।
शनिवार की भोर में प्राचीन रीतियों के अनुसार महाकाल का पंचामृत अभिषेक हुआ। सुबह 4 बजे आरती प्रारंभ की गई। वैदिक मंत्रोच्चार और ढोल-नगाड़ों के बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महाकाल को चढ़ाई गई भस्म श्मशान भस्म नहीं, बल्कि विशिष्ट पवित्र वनस्पतियों और कंडों से तैयार की जाती है। इसमें शमी, पीपल, पलाश, बेर, बड़, अमलतास जैसी लकड़ियों का उपयोग होता है।देश और विदेश से आए हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। पुरुष पारंपरिक वस्त्र धारण कर एवं महिलाएं शाल ओढ़कर आरती में सम्मिलित हुईं।
पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतज़ाम किए। पूरे मंदिर परिसर में सीसीटीवी निगरानी और हेल्प डेस्क सक्रिय रहे।