नई दिल्ली, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में बहुचर्चित ‘जी राम जी बिल’ पारित कर दिया गया। सरकार की ओर से पेश इस विधेयक को ग्रामीण रोजगार और आजीविका व्यवस्था को नए सिरे से सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम बताया गया है। सत्ता पक्ष का कहना है कि यह बिल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देगा, रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत आधार प्रदान करेगा।
बिल पर चर्चा के दौरान सदन में तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने विधेयक के नाम, स्वरूप और इसके संभावित प्रभावों को लेकर आपत्ति जताई और इसे संसदीय समिति को भेजने की मांग की। इसी मुद्दे पर सदन में भारी हंगामा हुआ और कुछ विपक्षी सांसदों ने विरोध स्वरूप विधेयक की प्रतियां फाड़कर असंतोष जताया। इसके बावजूद सरकार ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताते हुए बहुमत के बल पर विधेयक को पारित करा लिया।
लोकसभा से पारित होने के बाद अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यदि वहां से भी इसे मंजूरी मिलती है और राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होती है, तो यह कानून का रूप ले लेगा। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चा तेज है और आने वाले दिनों में इस पर सरकार तथा विपक्ष के बीच सियासी टकराव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।