


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत का आर्थिक ढांचा सुदृढ़ हुआ है और देश में औद्योगीकरण तेजी से बढ़ रहा है। अब हम विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। लुधियाना को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है और यहां के उद्योगपतियों ने अथक परिश्रम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। लुधियाना में निर्मित ए-वन और हीरो साइकिल्स देश और विदेश में प्रसिद्ध हैं। पंजाब के उद्यमी देश की आर्थिक प्रगति के प्रमुख स्तंभ हैं
लुधियाना इंटरैक्टिव सेशन में मिले 15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि लुधियाना में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन, वन-टू-वन बैठकें और संवाद कार्यक्रमों के दौरान यहां के उद्योगपतियों से कुल ₹15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 20,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने पंजाब और लुधियाना के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें राज्य की औद्योगिक नीतियों तथा उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री सोमवार को लुधियाना में निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं के विषय में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जहां पन्ना में हीरे, शहडोल में आयरन डिपॉजिट्स और हाल ही में सिंगरौली में सोने की खदानें पाई गई हैं। उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश की रत्नगर्भा भूमि में निवेश के लिए आत्मीय निमंत्रण दिया और कहा कि राज्य में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, आइए और मध्यप्रदेश में अपना दूसरा घर बनाइए। जितने उद्योग-धंधे लगाना चाहें, लगाइए। राज्य सरकार पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत करेगी और हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने बताया कि उद्योगों की स्थापना के लिए आवश्यक भूमि, बिजली, पानी और कुशल कार्यशक्ति मध्यप्रदेश में सहज रूप से उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और पंजाब भाई जैसे हैं—जहां अनाज उत्पादन में पंजाब अग्रणी है, वहीं मध्यप्रदेश एक सहयोगी छोटा भाई है। अब दोनों राज्य मिलकर देश की प्रगति में योगदान देंगे।उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार विकास की राह पर अग्रसर है। पंजाब को वीरों की धरती बताते हुए उन्होंने गुरु परंपरा और स्वतंत्रता संग्राम में इसके योगदान को नमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर स्वच्छता के लिए जाना जाता है, वहीं लुधियाना उद्योगों के लिए। उन्होंने उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर स्तर पर सहयोग देगी।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। उद्योग केवल लाभ नहीं, बल्कि समाज के लिए सेवा का माध्यम भी हैं, क्योंकि इससे अनेक परिवारों को आजीविका मिलती है। उन्होंने पंजाब को अमर शहीद भगत सिंह की भूमि बताया और कहा कि देश की आजादी में इस भूमि का महान योगदान है।
उन्होंने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे पंजाब में अपने व्यवसाय को जारी रखते हुए मध्यप्रदेश में भी इकाइयाँ स्थापित करें। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी उद्योग हितैषी नीतियाँ दुनिया के सामने रखी हैं और उद्योगपतियों को कई सुविधाएँ दी हैं।
डॉ. मोहन यादव ने बताया कि टेक्सटाइल सेक्टर के वर्कर्स की सैलरी में ₹5,000 प्रतिमाह की अतिरिक्त सहायता राज्य सरकार दे रही है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चों को साइकिलें वितरित की जाती हैं, जो मुख्यतः पंजाब में बनती हैं। ऐसे में साइकिल निर्माण इकाइयाँ मध्यप्रदेश में भी स्थापित की जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत 1947 में दुनिया की 15वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, 2014 में 11वें स्थान पर था और अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोयंबटूर, सूरत और अब लुधियाना में रोड शो के माध्यम से निवेशकों से संवाद किया है। प्रदेश के विभिन्न संभागों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गईं। फरवरी में भोपाल में हुई GIS के माध्यम से राज्य को ₹30.77 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विकास हेतु विषय-विशेष समिट आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज संसाधनों से समृद्ध है और यहां निवेश करना निश्चित रूप से लाभदायक है।
श्रमिकों के हित में बड़े स्तर पर सेटलमेंट क्लियर
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने श्रमिकों के हित में सैकड़ों करोड़ रुपये के सेटलमेंट क्लियर किए हैं। यह राज्य सरकार की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी नीति में निवेशकों को अधिक सुविधा देने की आवश्यकता होगी, तो कैबिनेट स्तर पर भी संशोधन किया जाएगा।