


बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जबकि विदर्भ में भी एक कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर बारिश जारी है।
सोमवार को सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, देवास समेत कुल 14 जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं रविवार को टीकमगढ़ में सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक 22 मिलीमीटर, खंडवा में 16, श्योपुर में 14, शिवपुरी में 6, दमोह में 2 और पचमढ़ी व जबलपुर में 1-1 मिलीमीटर बारिश हुई।
उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना है, जो पश्चिम-उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ते हुए अवदाब के क्षेत्र में बदल सकता है। विदर्भ और आसपास भी एक कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जो सोमवार को कमजोर होकर गुजरात पहुंचने की संभावना है। मानसून की द्रोणिका फिलहाल जैसलमेर, उदयपुर, रतलाम, विदर्भ के कम दबाव वाले क्षेत्रों से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।
इसके अलावा, दक्षिण गुजरात और उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवात बना हुआ है, जो कोंकण और गोवा तक फैला है। बंगाल की खाड़ी के कम दबाव वाले क्षेत्र से यह चक्रवात विदर्भ, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और दक्षिणी ओडिशा होते हुए उत्तर-पूर्वी अरब सागर तक पहुंच रहा है।
इन मौसम प्रणालियों के असर से सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, देवास, छिंदवाड़ा और पांढुना में भारी बारिश होने की संभावना है। बाकी क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।
24 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में फिर से नया कम दबाव का क्षेत्र बनने वाला है, जिससे प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।