


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक जापान और चीन की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस यात्रा की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी 29 और 30 अगस्त को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
क्यों खास है यह यात्रा?
यह प्रधानमंत्री मोदी और इशिबा के बीच पहली द्विपक्षीय वार्षिक बैठक होगी।
यह मोदी की 2018 के बाद पहली जापान यात्रा है जो पूरी तरह द्विपक्षीय एजेंडे पर केंद्रित होगी।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह आठवीं जापान यात्रा होगी, जो इस साझेदारी की रणनीतिक अहमियत को दर्शाती है।
चीन में एससीओ (SCO) की 25वीं बैठक
31 अगस्त और 1 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 25वीं वार्षिक बैठक में भाग लेंगे। यह बैठक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में आयोजित की जाएगी।
भारत की भूमिका और प्रमुख मुद्दे
SCO की स्थापना आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद से लड़ने के लिए की गई थी।
भारत सहित इसमें 10 सदस्य देश शामिल हैं: चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान।
31 अगस्त को स्वागत भोज और 1 सितंबर को मुख्य सम्मेलन होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के कुछ द्विपक्षीय मुलाकातें भी करने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देगी, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को भी मजबूती प्रदान करेगी। जापान और चीन की यह यात्रा भारत की रणनीतिक कूटनीति का अहम हिस्सा है।