


देश की संसद का मानसून सत्र आगामी 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है। इस सत्र में मोदी सरकार कई अहम विधेयक पेश करने जा रही है, जिनकी संख्या 8 बताई जा रही है। इन विधेयकों में खेल, खनन, शिक्षा, टैक्स व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़े अहम संशोधन शामिल हैं।
ये विधेयक होंगे पेश:
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जिन विधेयकों को संसद में पेश किया जाएगा, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
1. नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल
खेल संगठनों में सुशासन लागू करने और विवादों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र तंत्र तैयार करने का प्रावधान होगा। इसका उद्देश्य भारतीय खेल संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
2. नेशनल एंटी डोपिंग संशोधन बिल
खेलों में डोपिंग के मामलों पर कड़ी निगरानी और कानूनी रूप से मजबूत दखल के लिए यह विधेयक लाया जाएगा। यह बिल वाडा (WADA) मानकों के अनुरूप होगा।
3. माइन्स एंड मिनरल्स संशोधन विधेयक
खनिज संसाधनों के निष्कर्षण और वितरण को लेकर नियमों में बदलाव प्रस्तावित हैं। खनन क्षेत्र में निजी निवेश और पारदर्शिता बढ़ाने का उद्देश्य इसके पीछे है।
4. जिओहैरिटेज साइट्स एंड जिओरेलिक्स प्रिजर्वेशन एंड मेटेंनेंस बिल
भारत की भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों और खनिज-प्राकृतिक संरचनाओं को संरक्षित रखने के लिए यह नया कानून लाया जाएगा।
5. IIM (भारतीय प्रबंधन संस्थान) संशोधन विधेयक
इस बिल के जरिए IIM संस्थानों की स्वायत्तता और प्रशासनिक व्यवस्था में कुछ अहम बदलाव किए जा सकते हैं।
6. मणिपुर GST संशोधन विधेयक
मणिपुर राज्य के जीएसटी कानून में राज्य सरकार की जरूरतों के अनुसार कुछ संशोधन किए जाएंगे।
7. टैक्सेशन संशोधन विधेयक
देश की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को आसान और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ये बदलाव प्रस्तावित हैं।
8. जनविश्वास संशोधन विधेयक
सरकार की जनविश्वास योजना के तहत, कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने, बेवजह की आपराधिक धाराओं को हटाने और व्यावसायिक वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में यह बिल लाया जाएगा।
क्या है सत्र का महत्व?
यह सत्र इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह 2025-26 बजट कार्यान्वयन की शुरुआत के समय आ रहा है और सरकार अपनी नीति और योजनाओं को तेज़ी से लागू करना चाहती है। इसके अलावा, कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के पहले यह केंद्र सरकार का एक निर्णायक सत्र माना जा रहा है।
राजनीतिक हलचल भी तेज़
विपक्षी दल भी इस सत्र में महंगाई, बेरोज़गारी, मणिपुर की स्थिति और केंद्र-राज्य संबंधों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं, सरकार अपनी उपलब्धियों को पेश करने और विधायी एजेंडा आगे बढ़ाने के मूड में है। संसद के मानसून सत्र में आने वाले ये विधेयक न केवल नीतिगत सुधारों को रेखांकित करेंगे बल्कि कई क्षेत्रों में लंबे समय से लंबित बदलावों को गति देने का काम भी करेंगे।