मध्यप्रदेश को स्थापना दिवस पर मिला प्रकृति का अनमोल तोहफा — राज्य का 27वां अभयारण्य ‘ओंकारेश्वर अभयारण्य’ अब आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आ गया है। इस नए अभयारण्य की घोषणा के साथ ही खंडवा और देवास जिलों का नक्शा बदल गया, क्योंकि दोनों जिलों के कुल 611 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को इस संरक्षित वन क्षेत्र में शामिल किया गया है।
52 टापू, सैकड़ों प्रजातियां, और बाघों का नया घर!
ओंकारेश्वर डैम क्षेत्र के खूबसूरत 52 टापुओं को भी इस अभयारण्य में जोड़ा गया है। यहां पहले से तेंदुआ, भालू, सांभर, हाइना, चीतल जैसे जीव मौजूद हैं। अब यहां बाघों की बस्ती बसाने की तैयारी है — साथ ही असम से जंगली भैंसे और गैंडे लाने की योजना पर भी काम जारी है।
वनस्पति और पर्यावरण का संगम
यह इलाका सागौन, सालई और धावड़ा जैसी मूल्यवान वनस्पतियों से भरपूर है, जो इसे पर्यावरणीय रूप से और भी समृद्ध बनाती हैं।
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