मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि अब भावांतर योजना के अंतर्गत सोयाबीन की बिक्री के 15 दिन के भीतर किसानों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। भावांतर योजना इसी दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम है, जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बाजार मूल्य के अंतर की भरपाई किसानों को सीधे की जाएगी।
17 अक्टूबर तक कराएं पंजीयन
भावांतर योजना के तहत सोयाबीन फसल लेने वाले किसानों के लिए पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। विदिशा जिले में यह प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू हुई, और पहले ही दिन 65 समितियों में 353 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया। किसानों में इस योजना को लेकर अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है।
राज्य सरकार ने 17 अक्टूबर 2025 को पंजीयन की अंतिम तिथि निर्धारित की है। जिन किसानों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, वे भावांतर पोर्टल पर तय समयसीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
24 अक्टूबर से 15 जनवरी तक फसल बिक्री
इस योजना के तहत पंजीकृत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी सोयाबीन फसल बेच सकेंगे। फसल विक्रय के 15 दिनों के भीतर भावांतर राशि डीवीडी प्रणाली से सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। योजना का उद्देश्य किसानों को फसल बेचने के बाद लंबा इंतजार करने से राहत देना है।
सीधे खाते में पहुंचेगा पैसा
अब किसानों को भुगतान में किसी प्रकार की देरी या बिचौलियों से सामना नहीं करना पड़ेगा। योजना की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचेगी।
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