मध्यप्रदेश में ‘जानलेवा’ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। छिंदवाड़ा के बाद अब बैतूल जिले से भी दो मासूमों की मौत की पुष्टि हुई है। दोनों बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई। जानकारी के अनुसार, इन बच्चों का इलाज भी डॉक्टर प्रवीण सोनी ने किया था और उन्हें Coldrif कफ सिरप दी गई थी।गौरतलब है कि बैतूल से सटे जिले छिंदवाड़ा में पहले ही इस सिरप से 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस तरह अब तक कुल 16 बच्चों की जान इस जहरीले सिरप के कारण जा चुकी है।
छिंदवाड़ा में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई शुरू
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने गंभीरता से कार्रवाई शुरू कर दी है। एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि अब तक 14 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। इन सभी मामलों में मुआवजा स्वीकृत कर परिजनों के खातों में राशि भेज दी गई है।
सिंह ने बताया कि छिंदवाड़ा के 8 बच्चे फिलहाल नागपुर अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी स्थिति पर नजर रखने के लिए एक प्रशासनिक निगरानी टीम बनाई गई है।
प्रशासन ने ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम गठित की है, जो प्रतिबंधित Coldrif कफ सिरप की जब्ती और छापेमारी कर रही है। इसके साथ ही इस मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) भी बनाया गया है, जो तमिलनाडु जाकर दवा की सप्लाई चेन और निर्माण प्रक्रिया की जांच करेगा।
प्रशासन का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सिरप से जुड़ी हर खेप पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
इस बीच जबलपुर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कातारिया फार्मास्युटिकल्स के अधिकृत वितरक के गोदाम को सील कर दिया है।
नायब तहसीलदार ने बताया कि जांच में सामने आया कि खांसी की यह सिरप जबलपुर से ही वितरित की गई थी। कलेक्टर और एसडीएम के निर्देश पर संबंधित गोदाम को सील कर दिया गया है।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि कोल्ड्रिफ सिरप का पूरा स्टॉक फ्रीज़ कर सैंपल जांच के लिए भेजा गया था।
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