मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए ‘संयुक्त भर्ती परीक्षा नियम-2025’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। यह नियम मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और कर्मचारी चयन मंडल (ESB) — दोनों पर लागू होंगे। इससे राज्य सेवा परीक्षा के साथ-साथ समूह-2, 3, 4 समेत सभी सरकारी पदों की भर्ती प्रणाली पूरी तरह बदल जाएगी।
अब उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए बार-बार आवेदन करने और अलग-अलग परीक्षाएं देने की जरूरत नहीं होगी। एक ही संयुक्त परीक्षा से वे कई विभागों के लिए पात्र होंगे। यह मसौदा सीनियर सेक्रेटरी कमेटी से पास हो चुका है और अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
MPPSC परीक्षा के नए नियम
अब MPPSC अलग-अलग विभागों के लिए अलग परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा, बल्कि एक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करेगा।
हर साल 30 सितंबर तक सभी विभागों को अपनी रिक्तियों की जानकारी आयोग को देनी होगी।
परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को आवेदन के समय ही अपनी प्राथमिकताएं भरनी होंगी (कौन से पद या विभाग में जाना चाहते हैं)।
प्राथमिकता और मेरिट के आधार पर ही फाइनल चयन होगा।
यदि कोई कैंडिडेट किसी पद के लिए प्राथमिकता नहीं भरता है, तो उस पद के लिए उसका नाम नहीं भेजा जाएगा, चाहे मेरिट में ऊपर क्यों न हो।
परीक्षा के तीन अलग-अलग स्तर
1. राज्य सेवा – तीन चरण की परीक्षा:
प्रीलिम्स (प्रारंभिक परीक्षा):
यह क्वालिफाइंग होगी, इसके अंक अंतिम चयन में नहीं जुड़ेंगे।
कुल पदों के 15 गुना उम्मीदवारों को मेन्स के लिए बुलाया जाएगा।
मेन्स (मुख्य परीक्षा):
यह डिस्क्रिप्टिव होगी। इसके अंकों से इंटरव्यू के लिए चयन होगा।
इंटरव्यू (साक्षात्कार):
मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर अंतिम मेरिट लिस्ट बनेगी।
2. समूह 2, 3, 4, 5 – दो चरण की परीक्षा:
लिखित परीक्षा + इंटरव्यू
दोनों के अंकों के आधार पर फाइनल मेरिट तैयार की जाएगी।
3. सीधा इंटरव्यू – 500 से कम आवेदन पर:
यदि किसी भर्ती के लिए 500 से कम आवेदन आते हैं या आवेदन पदों की संख्या के तीन गुना से कम हैं, तो आयोग लिखित परीक्षा नहीं कराएगा।
आयोग या तो सीधे इंटरव्यू लेगा या शैक्षणिक योग्यता के अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर इंटरव्यू के लिए बुलाएगा।
फाइनल चयन केवल इंटरव्यू अंकों के आधार पर किया जाएगा।
ESBकी नई व्यवस्था
ESB अब 5 समूहों में संयुक्त परीक्षाएं आयोजित करेगा।
सभी विभागों को अपनी रिक्तियां इन्हीं समूहों के अनुसार भेजनी होंगी।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अलग होगी
शिक्षक भर्तियां इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगी।
इसके लिए पहले TET (पात्रता परीक्षा) होगी और फिर चयन परीक्षा आयोजित की जाएगी।
प्राथमिकता का नियम ESB में भी लागू
ESB परीक्षाओं में भी उम्मीदवारों को आवेदन के समय पद और विभाग के लिए प्राथमिकता भरनी होगी
यदि कोई उम्मीदवार एक से अधिक विषय समूहों के लिए योग्य है, तो हर समूह के लिए अलग प्राथमिकता क्रम देना होगा।
चयन प्रक्रिया और मेरिट लिस्ट
मेरिट लिस्ट बनाने का तरीका
अनारक्षित सूची:
सबसे पहले जनरल कैटेगरी की मेरिट तैयार होगी।
आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस कैंडिडेट:
SC, ST, OBC, EWS के वे कैंडिडेट्स जो किसी भी छूट का लाभ नहीं ले रहे (जैसे आयु या अंक), और उनका स्कोर जनरल कटऑफ से ऊपर है — उन्हें अनारक्षित सूची में शामिल किया जाएगा।
फीस में छूट को लाभ नहीं माना जाएगा।
आरक्षित सूची:
जो कैंडिडेट आरक्षण से जुड़ी किसी भी छूट का लाभ लेते हैं, उनका चयन केवल उनकी संबंधित आरक्षित कैटेगरी में होगा, भले ही अंक अधिक हों।
वेटिंग लिस्ट का प्रावधान
हर वर्ग में कुल पदों के 10% के बराबर वेटिंग लिस्ट बनेगी।
यह लिस्ट 9 महीने या अगले विज्ञापन तक (जो पहले हो) मान्य रहेगी।
यदि चयनित कैंडिडेट 6 महीने के भीतर जॉइन नहीं करते, तो पद वेटिंग लिस्ट के अनुसार भरे जाएंगे।
आयु सीमा का नया फॉर्मूला
उम्र की गणना विज्ञापन वाले साल के अगले साल की 1 जनवरी से होगी।
जैसे, यदि भर्ती 2025 में हुई है, तो आयु गणना 1 जनवरी 2026 के आधार पर होगी।
10वीं कक्षा की मार्कशीट ही जन्मतिथि का प्रमाण मानी जाएगी।
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