मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर पिछले छह वर्षों से चल रही कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मुकाम पर पहुंच गई है। इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार भी गंभीर स्थिति में दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और चयनित उम्मीदवारों के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड किए जाने से जुड़े मामलों की सुनवाई आज से रोजाना करने का आदेश दिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि ओबीसी आरक्षण मामले को वह प्राथमिकता से निपटाएगा। 12 अगस्त को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इसे टॉप ऑफ द बोर्ड सूची में शामिल करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने यह भी कहा था कि 23 सितंबर से मामले की रोजाना सुनवाई होगी। आज दो नंबर कोर्ट में डबल बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें ओबीसी उम्मीदवारों के 13 प्रतिशत पदों को रोकने से संबंधित मामला भी शामिल है।
ओबीसी उम्मीदवारों की याचिका पर होगी सुनवाई
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में शामिल ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि चयनित उम्मीदवारों के 13 प्रतिशत पद रोक दिए गए हैं, यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस मामले में व्यक्तिगत रूप से सक्रिय दिख रहे हैं। वे पिछले दो दिनों से लगातार दिल्ली जाकर वकीलों से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से विस्तृत चर्चा की, वहीं मंगलवार को भी वे वकीलों के साथ कई बैठकें कर चुके हैं।
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