ईरान की संसद ने हिजाब से जुड़ा एक विधेयक पारित किया है। इस विधेयक के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने से मना करने वाली महिलाओं व उनका साथ देने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। आपको बता दें कि, ईरान ने यह बड़ा कदम महसा अमीनी की मौत के 1 साल पूरा होने के कुछ समय बाद उठाया है। आपको बता दें कि, अमीनी को इस्लामिक परिधान परंपरा का पालन नहीं करने के आरोप में मोरैलिटी पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद में अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। वहीं इस बड़ी घटना के विरोध में पूरे देश में कई महीनों तक प्रदर्शन हुए थे।
हिजाब नहीं लगाने पर महिलाओं पर भारी जुर्माने देने होगा
ईरान की संसद में हिजाब को लेकर पारित इस विधेयक में हिजाब नहीं लगाने पर महिलाओं पर भारी जुर्माने के साथ ही उन कारोबारियों को भी दंड देने का प्रावधान है, जो हिजाब नहीं पहनीं। उन कारोबारियों को भी दंड दिया जाएगा, जो महिलाओं को सामान बेचते हैं या अन्य प्रकार की सेवाएं देते हैं। इस विधेयक के खिलाफ लामबंद होने पर अधिकार कार्यकर्ताओं को भी दंडित किए जाने की प्रावधान है। वहीं दोषियों को इन अपराधों के लिए 10 वर्ष तक की जेल का प्रावधान है।
हिजाब संबंधित बिल के पक्ष में 152 वोट पड़े
आपको बता दें कि, ईरान की 290 सदस्यीय संसद में 152 सांसद इसके पक्ष में थे। इस विधेयक को अब अंतिम मंजूरी के लिए गार्डियन काउंसिल के पास भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार, यह मौलवियों की एक इकाई है जो संवैधानिक निगरानीकर्ता के तौर पर काम करती है। महसा अमीनी की मौत के बाद 16 सितंबर 2022 से देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। सरकार की कार्रवाई में 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 22,000 से अधिक को हिरासत में लिया गया।
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