भगोड़े हीरा व्यापारी Nirav Modi को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अब नीरव भारत में अपने प्रत्यर्पण (Extradition case) के खिलाफ यूके की सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका दाखिल नहीं कर पाएंगे।
Nirav की याचिका हुई खारिज़
भारत धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में नीरव मोदी(Nirav Modi) की सुनवाई भारत में करना चाहता था। गुरुवार को नीरव को प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में एक और झटका लगा है। दरअसल लंदन के उच्च न्यायालय ने नीरव के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति से इनकार कर दिया है।
लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस (Royal Court of Justice) में सुनाए गए एक फैसले में, लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि "नीरव मोदी के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया है"।
पहले भी खारिज हो जुकी है Nirav की याचिका
दरअसल पिछले महीने मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य की खराबी का हवाला दे कर कोर्ट में अपील की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि नीरव मोदी ने अपनी अपील में जिन बातों का जिक्र किया था वो सभी गैर जरूरी हैं बता दें कि मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से नीरव लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे हैं।
क्या है पूरा मामला?
नीरव मोदी साल 2018 में भारत छोड़ कर भाग गया था। दरअसल नीरव ने अपने साथी मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 14,500 करोड़ का घोटाला किया था। इतना ही नहीं नीरव के खिलाफ सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने का आरोप भी है।
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