नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक गुरुवार को हुई है। बैठक के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति समीक्षा की। नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक बिजली समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। साथ ही दोनों पक्षों ने व्यापार, भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा, जल संसाधनों में सहयोग पर भी चर्चा की। संयुक्त आयोग द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए गठित उच्चतम स्तरीय राजनीतिक तंत्र है।
बीते साल दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों में हुआ था समझौता
भारत और नेपाल के बीच बिजली व्यापार समझौता बीते साल मई-जून में नेपाल पीएम पुष्प कमल दहल के भारत दौरे के दौरान तय हुआ था। ये समझौता 25 साल के लिए है, जो दोनों देशों में बिजली के व्यापार का रास्ता खोलेगा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने बीते साल 2 जून को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस समझौते की घोषणा की थी। इस समझौते के तहत भारत अपने पड़ोसी और मित्र देश से दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते के तहत 10 साल में 10,000 मेगावाट बिजली खरीदेगा। उस समय ही दोनों देशों ने 25 साल के अंतर-सरकारी दीर्घकालिक बिजली व्यापार समझौते को हरी झंडी दे दी थी लेकिन समझौते पर औपचारिक हस्ताक्षर अब हुए हैं।
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