Saudi Arabia Ramadan: मक्का और मदीना मुसलमानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अब इसी बीच सऊदी अरब की सरकार ने 22 मार्च से शुरू होने वाले पवित्र रमजान के महीने के लिए विभिन्न नियमों की घोषणा की है। इसमें सऊदी मस्जिदों के अंदर लाउडस्पीकरों की संख्या कम करना, दान पर रोक लगाना शामिल है। मस्जिदों के अंदर अजान के प्रसारण पर रोक लगाना भी शामिल है। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को ये दिशानिर्देश और कानून जारी किए हैं। साथ ही नए नियमों में रोजेदारों की निगरानी को भी शामिल किया गया है।
मस्जिदों में बच्चों की एंट्री बैन (Saudi Arabia Ramadan)
इस्लामिक मंत्रालय के मुताबिक शाम की नमाज तरावीह और रात की नमाज तहज्जुद को पर्याप्त समय में खत्म कर लेना चाहिए ताकि रोजा रखने वालों को परेशानी न हो। इसके अलावा दरगाह के अंदर की तस्वीरें और अजान के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा रोजेदारों को बच्चों को मस्जिद में लाने की इजाजत नहीं है। यह एक बाधा उत्पन्न करता है और भक्ति को चुनौतीपूर्ण बनाता है। इससे पहले पिछले साल भी मस्जिदों में अजान के दौरान लाउडस्पीकर की आवाज को कम कर दिया गया था जो इस साल भी लागू रहेगा।
अखिल भारतीय मुस्लिम जमात ने जताई आपत्ति
अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी इस पर आपत्ति (Saudi Arabia Ramadan) जताई है। शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सऊदी सरकार के फैसले को नाजायाज ठहराते हुए कहा कि , "हिंदुस्तान में कुछ दिन पहले हाई कोर्ट के ऑर्डर पर लाउडस्पीकर की आवाज धीरे कई गई थी, लेकिन रोक नहीं लगाई गई। सऊदी हुकूमत के फैसले से सारी दुनिया को मायूसियत हुई है। उनसे अनुरोध है की वो अपना फैसला वापिस लें।"
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